भारतीय वायुसेना ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, स्पेन के एयरबस द्वारा निर्मित सी-295 विमान को 28 जनवरी को आगरा एयरफोर्स स्टेशन पर शामिल करने की घोषणा की है। समय आने पर इस विमान द्वारा अपनी उम्र पूरी कर चुके रूस के AN-32 टर्बोप्रॉप विमानों की जगह लेने की उम्मीद है।
स्पेन के सविल शहर में 16 सी-295 विमानों का निर्माण हो रहा है, जिनमें से पहला बैच 28 जनवरी को भारत में वायुसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। यह विमानों का बेस स्टेशन आगरा एयरफोर्स होगा, जो सैन्य परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस परियोजना के तहत, 56 सी-295 विमानों का करार किया गया था, जिनमें से 40 विमानों का निर्माण भारत में ही होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष वडोदरा में टाटा विमान परिसर का उद्घाटन किया था, जहां इन विमानों के निर्माण के लिए 13,000 से अधिक पार्ट्स और 7,600 सब असेंबली बनाई जाएंगी। इस प्रक्रिया में 125 से अधिक एमएसएमई इकाइयां भी शामिल होंगी। यह कदम भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम पहल है।
आगरा एयरफोर्स स्टेशन पर नवंबर से स्पेन के सी-295 विमानों के लिए एक फुल-मोशल सिम्युलेटर पर पायलटों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में तकनीकी शिफ्ट, पैराड्रॉपिंग, पैराट्रूपिंग, चिकित्सा निकासी, और आपदा राहत जैसे मिशनों के लिए तैयार किया जा रहा है। इस सिम्युलेटर के उद्घाटन के अवसर पर सेंट्रल एयर कमांड के एओसी एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित भी उपस्थित थे।
इस परियोजना से भारत के रक्षा क्षेत्र में नई तकनीकी क्षमताएं जुड़ेंगी और इससे 20,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकेगा। हर साल 12 विमानों को भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। सी-295 विमान में 71 पैराट्रूपर्स को ले जाने की क्षमता है, जो इसे विशेष रूप से सैन्य मिशनों के लिए उपयुक्त बनाता है।