आगरा में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के विकास कार्यालय द्वारा तीन दिवसीय उत्पादों की प्रदर्शनी और ट्रेड फेयर का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 3 दिसंबर से 5 दिसंबर 2024 तक एमएसएमई तकनीकी विकास केंद्र (पीपीडीसी), फाउंड्री नगर, हाथरस रोड पर होगा।
एमएसएमई के उपनिदेशक श्री बी.के. यादव ने जानकारी दी कि इस प्रदर्शनी का उद्घाटन 3 दिसंबर को होगा। कार्यक्रम का उद्देश्य पीएम-विश्वकर्मा योजना के लाभार्थियों को प्रोत्साहन और उनके उत्पादों को बेहतर विपणन मंच उपलब्ध कराना है। इस आयोजन के जरिए कारीगरों और शिल्पकारों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल की जा रही है।
पीएम-विश्वकर्मा योजना की पहली वर्षगांठ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 17 सितंबर 2023 को लॉन्च की गई पीएम-विश्वकर्मा योजना अपनी पहली वर्षगांठ मना रही है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उनके कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन और वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इनमें लोहार, सुनार, कुम्हार, बढ़ई, मूर्तिकार, राजमिस्त्री और दर्जी सहित 18 प्रकार के पारंपरिक व्यवसाय शामिल हैं।
प्रदर्शनी के प्रमुख आकर्षण
प्रदर्शनी में 22 जिलों के 60 स्टॉल शामिल होंगे, जिनमें पीएम-विश्वकर्मा योजना के लाभार्थी अपने उत्पादों को प्रदर्शित करेंगे। इन स्टॉल पर कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित उत्पादों की बिक्री और प्रदर्शन होगा।
कारीगरों और उनके सहायकों को तीन दिनों के लिए निम्नलिखित सुविधाएं दी जाएंगी:
– मानदेय: प्रत्येक लाभार्थी को रु. 500 प्रतिदिन की दर से कुल रु. 1500 दिए जाएंगे।
– यात्रा व्यय: आने-जाने के लिए अधिकतम रु. 1000 तक का किराया व्यय सीधे बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से प्रदान किया जाएगा।
– रहने और खाने की व्यवस्था: कारीगरों और उनके एक सहायक के लिए तीन दिनों तक निःशुल्क आवास और भोजन की व्यवस्था की गई है।
पारंपरिक कारीगरों को मिलेगा बढ़ावा
श्री बी.के. यादव ने बताया कि इस आयोजन के माध्यम से पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उनके उत्पादों की बिक्री के लिए एक बेहतर मंच मिलेगा। साथ ही, उनकी दक्षता को बढ़ावा देने के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ भी पहुंचाया जाएगा। यह कदम न केवल उनके जीवन स्तर में सुधार करेगा, बल्कि उनकी आर्थिक आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगा।
आगरा के लिए गर्व का क्षण
यह प्रदर्शनी न केवल आगरा के लिए बल्कि आसपास के जिलों के कारीगरों के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। प्रदर्शनी में आगरा के साथ-साथ आसपास के जिलों के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
इस तीन दिवसीय मेले में सभी नागरिकों से भाग लेने और पारंपरिक भारतीय शिल्प और कारीगरी को प्रोत्साहन देने की अपील की गई है।