आज आगरा में राजा महेंद्र प्रताप सिंह की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय जाट अधिवेशन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने राजा महेंद्र प्रताप और महाराजा सूरजमल को श्रद्धांजलि अर्पित की और जाट समाज के प्रतिनिधियों को संबोधित किया।
उप मुख्यमंत्री ने की सशक्त समाज की अपील
सुरिंदर चौधरी ने अपने संबोधन में जाट समाज के योगदान को सराहा और समाज के उत्थान के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, “हमें समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाने के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए। जाट समाज ने इतिहास में हमेशा अपनी ताकत और एकता का परिचय दिया है, और यह समय है कि हम इन आदर्शों पर आगे बढ़ें।”
चांदी का मुकुट पहनाकर हुआ स्वागत
आगरा में आयोजित इस कार्यक्रम में जाट समाज के प्रतिनिधियों ने उप मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी का चांदी का मुकुट पहनाकर स्वागत किया। यह स्वागत समारोह समाज की एकजुटता और सम्मान को दर्शाता है। कार्यक्रम में भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल, अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामावतार पलसानिया, जाट संसद के राष्ट्रीय प्रतिनिधि डॉ. रामेश्वर चौधरी, विपिन चौधरी और जाट संसद उत्तर प्रदेश के प्रदेश प्रतिनिधि अंकित बालियान भी उपस्थित रहे।
राजा महेंद्र प्रताप और महाराजा सूरजमल को दी श्रद्धांजलि
कार्यक्रम के दौरान सभी नेताओं ने राजा महेंद्र प्रताप सिंह और महाराजा सूरजमल के योगदान को याद किया। वक्ताओं ने उनके आदर्शों पर चलने और समाज को संगठित करने का आह्वान किया। सुरिंदर चौधरी ने कहा कि राजा महेंद्र प्रताप और महाराजा सूरजमल ने न केवल जाट समाज, बल्कि पूरे देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके विचार और आदर्श आज भी हमें प्रेरणा देते हैं।
समाज की प्रगति के लिए सामूहिक प्रयास
कार्यक्रम में समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। नेताओं ने समाज की प्रगति के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जाट समाज को अपनी एकता और शक्ति को बनाए रखना चाहिए और शिक्षा, रोजगार और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
उत्साह और एकता का माहौल
इस आयोजन ने जाट समाज में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार किया। बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति और नेताओं के प्रेरणादायक भाषणों ने समाज को नई दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
समापन
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिनिधियों ने एकता और प्रगति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। इस अधिवेशन ने न केवल जाट समाज को एकजुट किया, बल्कि उनके विकास के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले।