बुधवार तड़के सुबह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर हुए एक भीषण सड़क हादसे में सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के पांच युवा डॉक्टरों की जान चली गई। स्कॉर्पियो कार में सवार इन डॉक्टरों की गाड़ी डिवाइडर को तोड़ते हुए दूसरी लेन में चली गई, जहां वह एक तेज़ रफ्तार ट्रक से टकरा गई। हादसा इतना भयंकर था कि कार के परखच्चे उड़ गए और मौके पर ही पांचों डॉक्टरों की मौत हो गई। कार में सवार एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कैसे हुआ हादसा?
पुलिस के अनुसार, यह हादसा सुबह करीब तीन बजे कन्नौज जिले की सीमा में हुआ। स्कॉर्पियो लखनऊ की ओर से आ रही थी जब वह अचानक डिवाइडर पार कर आगरा जाने वाली लेन में पहुंच गई। इसी दौरान एक तेज़ गति से आते ट्रक ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर के बाद स्कॉर्पियो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
मृतकों की पहचान
हादसे में मारे गए डॉक्टरों में से चार की पहचान हो चुकी है:
– डॉ. अनिरुद्ध वर्मा: आगरा के राधा विहार एक्सटेंशन, कमला नगर निवासी और पवन कुमार वर्मा के बेटे।
– डॉ. नरदेव गंगवार: बरेली जिले के नवाबगंज निवासी और लखन सिंह गंगवार के बेटे।
– डॉ. अरुण कुमार: कन्नौज के मोतीपुर निवासी और अंगद लाल के बेटे।
– डॉ. संतोष मौर्य: संत रविदास नगर (भदोही) निवासी और जीत नारायण मौर्य के बेटे।
पांचवें मृतक की शिनाख्त की जा रही है।
एक घायल व्यक्ति की स्थिति गंभीर
स्कार्पियो में सवार मुरादाबाद निवासी जयवीर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।
घटनास्थल पर मातम
हादसे की सूचना पाकर सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारी, मेडिकल स्टूडेंट्स और जूनियर डॉक्टर बड़ी संख्या में घटनास्थल पर पहुंचे। पूरे माहौल में गम और सन्नाटा पसरा रहा। डॉक्टरों और स्टाफ ने मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
पुलिस की प्रारंभिक जांच
कन्नौज पुलिस ने आशंका जताई है कि स्कॉर्पियो के ड्राइवर को झपकी आने के कारण यह हादसा हुआ। पुलिस ने क्षतिग्रस्त वाहन से शवों को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही मृतकों के परिजनों को सूचित कर दिया गया है।
सड़क सुरक्षा पर सवाल
सड़क सुरक्षा कार्यकर्ता के. सी. जैन ने इस घटना पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “यह हादसा हमारी सड़क सुरक्षा प्रणाली की गंभीर खामियों को उजागर करता है। एक्सप्रेसवे जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर सुरक्षा मानकों को मजबूत करना अनिवार्य है। बेहतर ट्रैफिक मॉनिटरिंग और ड्राइवरों के लिए विश्राम स्थलों की व्यवस्था जैसी योजनाएं लागू की जानी चाहिए।”
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर हुई इस दर्दनाक दुर्घटना ने सड़क सुरक्षा को लेकर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। यह हादसा उन सभी एजेंसियों के लिए एक चेतावनी है, जो एक्सप्रेसवे की देखरेख और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार हैं। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, और इसके लिए सामूहिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।