चकबंदी कार्यों में सुधार के लिए डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया तेज, राजस्व विभाग से संबद्ध कर्मचारियों की वापसी के निर्देश
नवीन सर्किट हाउस सभागार में शनिवार को चकबंदी आयुक्त भानु चन्द्र गोस्वामी की अध्यक्षता में आगरा-अलीगढ़ मंडल और जनपद इटावा के चकबंदी विभाग की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में चकबंदी कार्यों की प्रगति और उसमें आ रही बाधाओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
चकबंदी आयुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि राजस्व विभाग से संबद्ध सभी चकबंदी लेखपाल और तहसीलदारों की सम्बद्धता समाप्त कर दी जाएगी। यह कदम चकबंदी कार्यों को प्रभावित होने से रोकने के लिए उठाया गया है।
समीक्षा बैठक में उठाए गए मुख्य बिंदु
बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें धारा-8 और धारा-52 के तहत निर्धारित वार्षिक लक्ष्यों की प्रगति, आईजीआरएस, मुख्यमंत्री संदर्भ, शासन और निदेशालय संदर्भ की समीक्षा शामिल थी। सर्वोच्च और उच्च न्यायालय के स्थगन आदेशों से प्रभावित ग्रामों की स्थिति का भी विश्लेषण किया गया।
चकबंदी आयुक्त ने अधिकारियों को ग्राम चौपाल और तहसील दिवस में प्राप्त शिकायतों को शत-प्रतिशत आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज करने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी कहा गया कि डिप्टी डायरेक्टर चकबंदी (डीडीसी) मौके पर जाकर शिकायतों की जांच करें और उनकी पोर्टल पर एंट्री सुनिश्चित करें।
लंबित मामलों का त्वरित निस्तारण
बैठक में बताया गया कि आगरा मंडल के अंतर्गत चकबंदी न्यायालयों में कई मामले लंबित हैं। इनमें जनपद आगरा में 0-5 वर्ष का एक मामला और 3 वर्ष से अधिक के 24 मामले, फिरोजाबाद में 9, अलीगढ़ में 19, एटा में 11, इटावा में 10 और मथुरा में सर्वाधिक 32 मामले लंबित हैं। आयुक्त ने इन मामलों को दिसंबर माह तक निस्तारित करने के निर्देश दिए और चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं हुआ, तो जनवरी में संबंधित अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी।
डिजिटलाइजेशन पर जोर
चकबंदी आयुक्त ने बैठक में बताया कि विभाग का पूर्ण डिजिटलाइजेशन किया जाएगा। इसमें धारा-9 और धारा-12 का प्रकाशन और प्राप्त आपत्तियों को ऑनलाइन दर्ज करने की सुविधा शामिल होगी। ग्राम चौपाल और तहसील दिवस में प्राप्त शिकायतों का विवरण भी पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। यह कदम विभाग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने सभी लंबित मामलों और उनके निस्तारण को 30 नवंबर तक पोर्टल पर दर्ज कराने के निर्देश दिए। जिन ग्रामों में चक काटने की प्रक्रिया जारी है, वहां जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर इस प्रक्रिया को दो माह में पूरा करने का आदेश दिया गया।
सेवानिवृत्त देयकों का शीघ्र भुगतान
बैठक में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के देयकों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए गए कि सेवानिवृत्ति से तीन महीने पूर्व ही संबंधित प्रपत्र तैयार कर लिए जाएं। यदि कोई विभागीय जांच लंबित हो, तो उसका त्वरित निस्तारण किया जाए ताकि कर्मचारियों को समय पर भुगतान मिल सके।
चकबंदी कार्यों में सुधार के प्रयास
चकबंदी आयुक्त ने बताया कि ग्राम चौपाल और तहसील दिवस में प्राप्त चकबंदी से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिकता दी जाएगी। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि शिकायतों की मौके पर जांच कर समाधान सुनिश्चित करें। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि चकबंदी प्रकाशन और उससे जुड़ी आपत्तियां डिजिटल माध्यम से ही दर्ज हों।
उपस्थिति
बैठक में लखनऊ से संयुक्त संचालक चकबंदी रणविजय सिंह, आगरा के अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) धीरेन्द्र सिंह, आगरा और अलीगढ़ मंडल एवं जनपद इटावा के उप संचालक चकबंदी, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
चकबंदी कार्यों को और प्रभावी बनाने के लिए आयुक्त ने स्पष्ट किया कि सभी अधिकारी व्यक्तिगत जिम्मेदारी और तत्परता से कार्य करें, ताकि विभागीय उद्देश्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जा सके।