आगरा नगर निगम द्वारा संचालित “फाइव आर सेंटर” में महिलाओं के समूह द्वारा वेस्ट मटेरियल से उपयोगी वस्तुएं बनाई जा रही हैं। यह पहल पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। आगरा नगर निगम ने पिछले महीने अपने परिसर में इस सेंटर की स्थापना की थी।
क्या है फाइव आर सेंटर का उद्देश्य?
फाइव आर का अर्थ है रिजेक्ट, रिड्यूस, रीयूज, रीपरपस और रिसाइकल। इस सेंटर का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ-साथ महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है। यहां महिलाएं प्लास्टिक, कागज, धातु और पुराने कपड़ों जैसे वेस्ट मटेरियल से आकर्षक वस्त्र, सजावटी सामान और घरेलू उत्पाद बना रही हैं, जो बाजार में बेचे जाते हैं।
महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण की कहानी
रेखा गुप्ता, जो इस केंद्र से जुड़ी हैं, ने बताया कि यह पहल महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही है। उन्होंने कहा, “पहले हम इस मटेरियल को कचरा समझते थे, लेकिन अब हम इसे उपयोगी सामान में बदल रहे हैं और इससे हमें अतिरिक्त आय हो रही है।” यह समूह लगभग दो दर्जन महिलाओं को रोजगार दे रहा है।
आइशा गौतम, जो आगरा सेवला की रहने वाली हैं, ने बताया कि वह 12वीं पास करने के बाद बीए की पढ़ाई कर रही हैं और अपने पिता के जूते के काम में आर्थिक मदद कर रही हैं। आइशा को इस केंद्र से मिलने वाली तनख्वाह से अपने भाइयों की पढ़ाई में भी मदद मिल रही है।
परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार
कल्पना, जो 5R सेंटर से जुड़ी हैं, ने बताया कि उनके परिवार में आर्थिक तंगी थी, लेकिन इस सेंटर से जुड़ने के बाद उनकी स्थिति में सुधार हुआ है। उनके पति योगेश जूते का काम करते हैं और अब दोनों मिलकर अपने बच्चों की पढ़ाई और परवरिश बेहतर तरीके से कर पा रहे हैं।
मंजू देवी, जिनके पति का देहांत हो चुका है, ने कहा कि इस केंद्र से जुड़ने के बाद उन्हें स्थिर आय मिल रही है और वे अपने बच्चों की देखभाल कर पा रही हैं।
पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भरता का मिलाजुला प्रयास
अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र यादव ने जानकारी दी कि पूरे आगरा में कुल 9 फाइव आर सेंटर खोले गए हैं। इन सेंटरों के माध्यम से महिलाओं को वेस्ट मटेरियल से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ महिलाओं को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।
नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने बताया कि “रिड्यूस, रियूज, रिसाइकल, रिपेयर और रिफ्यूज” के सिद्धांतों पर आधारित यह सेंटर न केवल कचरे की समस्या का समाधान कर रहा है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी सहायक है।
यह पहल आगरा नगर निगम के पर्यावरण-संरक्षण और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।