लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की कलम की आज के बदले हुए राजनीतिक परिवेश में लुप्त होती धार के बीच क़लमकारों के प्रेरणास्त्रोत एवं कलम के सिपाही स्व0 गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती पर हिंदुस्तानी बिरादरी के सदरभट्टी स्थित कार्यालय पर अध्यक्ष एवं कबीर पुरस्कार से सम्मानित डॉ0 सिराज क़ुरैशी की अध्यक्ष में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर डॉ0 क़ुरैशी ने कहा कि स्व0 विद्यार्थी सांप्रदायिक एकता और भाईचारा क़ायम रखने के हामी थे। इसी उद्देश्य को लेकर उन्होंने सन् 1927 में हिंदुस्तानी बिरादरी की स्थापना की थी और कानपुर में हुए सांप्रदायिक दंगे को रोकते हुए स्वयं शहीद हो गये थे।
डॉ0 क़ुरैशी ने बताया कि स्व0 विद्यार्थी ने देश से अंग्रेजों को भगाने के लिए अपनी कलम से जो भूमिका निभाई वह वास्तव में सराहनीय थी।
इस मौक़े पर संस्था के उपाध्यक्ष एवं समाजसेवी विशाल शर्मा ने स्व0 विद्यार्थी को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उपस्थित गणमान्य लोगों से कहा कि आगरा सुलहकुल एवं भाईचारे की नगरी है। आगरा के अधिकांश इलाक़ों में मिश्रित आबादी रहती है और इस शहर के बाशिंदे अन्य शहरों के मुक़ाबले कहीं अधिक भाईचारे और सद्भाव के साथ रहते हैं। स्व0 विद्यार्थी भी यही चाहते थे कि देश में सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारा हमेशा बना रहे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सियासत के जाल में फँसकर वो सद्भाव तेज़ी से कम हो रहा है, जो चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि सभी संप्रदायों और जातियों के लोग मिल–जुलकर भारत की प्रगति का हिस्सा बनें। एक–दूसरे से वैमनस्य भूलकर देश की एकता–अखंडता के लिए कार्य करें और भारत को न सिर्फ़ सामाजिक, बल्कि आर्थिक रूप से भी एक सुदृढ़ देश बनायें।
इस मौक़े पर बोलते हुए भारतीय मुस्लिम विकास परिषद के अध्यक्ष समी आग़ाई ने कहा कि आम जनता जब राजनीति के जल में फँसकर नेताओं की मीठी–मीठी बातों में आ जाती है, तभी इस प्रकार का सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा होता है, वरना भारत में सभी जाति–संप्रदाय के लोग एक–दूसरे के पूरक हैं, और आपस में मिलकर ही रहना चाहते हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता विजय उपाध्याय ने स्व0 गणेश शंकर विद्यार्थी को नमन करते हुए उम्मीद जताई कि देश में जो सांप्रदायिक एकता की मिसाल आगरा ने क़ायम की है, उसी राह पर जल्द ही पूरा देश चलेगा।
इस गोष्ठी में राजकुमार नागरथ, इरफ़ान सलीम, जियाउद्दीन, ग्यास ग्यास क़ुरैशी, अदनान, मो0 शरीफ़ आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए और देश में अमन–चैन क़ायम रहे, इसके लिए दुआ की।