आज जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण समिति, वृक्षारोपण तथा जिला गंगा समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई।
बैठक में सर्व प्रथम पर्यावरण समिति से संबंधित प्रकरणों पर विचार किया गया, जिसमें वायु प्रदूषण के प्रभावी नियंत्रण की समीक्षा की गई, जिसमें बताया गया कि शीतकाल के दौरान 01 अक्टूबर से 30 मार्च तक ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान(जीआरएपी) का अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु विभिन्न विभागों यथा नगर निगम, एडीए, पीडब्ल्यूडी, गंगा जल प्रोजेक्ट,मेट्रो कॉरपोरेशन, एनएचएआई, जलनिगम,जल संस्थान, कार्यदाई संस्थाओं द्वारा अनुपालन किया जाता है, जिलाधिकारी ने सभी रोड़ कटिंग करने वाले विभागों से जीआरएपी को लागू करने के कड़ाई से निर्देश दिए जिससे कि एक्यूआर 200 से कम रहे।
जिलाधिकारी ने नगर निगम के पर्यावरण अभियंता से शहर को डस्ट फ्री हेतु किए गए कार्यों तथा रोड पर से डस्ट उठान के बारे में जानकारी करने पर पर्यावरण अभियंता द्वारा बताया गया कि वायु प्रदूषण रोकथाम हेतु निगम द्वारा प्रयास किया गया है, इस हेतु शहर को अवार्ड भी मिला है, जिलाधिकारी ने पूछा कि रोड पर मोटर वाहन गुजरने पर धूल उठती है कि नही, क्या डस्ट उठान हेतु कोई टीम लगाई गई है, इस पर पर्यावरण अभियंता द्वारा बताया गया कि नगर निगम द्वारा रोड से डस्ट उठान हेतु कोई टीम नहीं लगाई गई है, जिलाधिकारी ने इस पर कड़ी फटकार लगाई और जनस्वास्थ्य के प्रति वास्तविक रूप से जमीन पर वायु प्रदूषण हेतु प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए उन्होंने कहा कि सिर्फ अवार्ड प्राप्त कर लेना ही वायु प्रदूषण रोक थाम हेतु पर्याप्त नहीं है।
बैठक में परिवहन विभाग की समीक्षा में 15 वर्ष पुराने वाहनों तथा पर्यावरण प्रदूषण जांच की स्थिति की जानकारी ली, जिलाधिकारी ने शहर में काला धुआं छोड़ने वाले चल रहे वाहनों की जांच के बारे में पूछा, कोई संतुष्टिपूर्ण जवाब न मिलने पर संबंधित से कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए फटकार लगाई तथा प्रदूषण जांच केन्द्रों पर प्रभावी जांच कराने तथा अधोमानक वाहनों के चालान तथा सीज करने के निर्देश दिए, बैठक में पूर्व में दिए हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के बाबत अभियान चलाने के निर्देश का प्रभावी अनुपालन न किए जाने पर बैठक में ही 30 सितंबर को परिवहन विभाग के सभी अधिकारियों को तलब करने तथा प्रभावी अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए, जिलाधिकारी ने कहा कि इस हेतु सभी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी। बैठक में सीएंडडी वेस्ट, बायोमेडिकल वेस्ट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की समीक्षा की तथा जरूरी निर्देश दिए, बैठक में यमुना नदी के डूब क्षेत्र के चिन्हांकन तथा पिलर लगाने की समीक्षा में बताया गया कि प्रति 500 मीटर पर एक पिलर कुल 1100 सौ पिलर लगाए जाने का कार्य पूर्ण हो गया है, जिलाधिकारी ने ड्रोन से रिकॉर्डिंग कराने तथा रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए।
बैठक में यमुना नदी में गिरने वाले नालों की टेपिंग की जानकारी करने पर बताया गया कि 90 नालों में 29 का टेपिंग कार्य हो चुका है, जिलाधिकारी ने उनके परफॉर्मेंस असेसमेंट कराने तथा शेष 61 नालों की टेपिंग हेतु कार्य योजना के क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए, तथा वन विभाग को फाइटो रेमिडिएशन ककरेठा प्रोजेक्ट की तर्ज पर और भी कार्य किए जाने के निर्देश दिए, बैठक में किए गए वृक्षारोपण की शतप्रतिशत जियो टैगिंग कराने की समीक्षा में बताया गया कि सहकारिता विभाग द्वारा मात्र 40 प्रतिशत, लोकनिर्माण विभाग द्वारा 49 प्रतिशत , रक्षा विभाग 54 प्रतिशत, चिकित्सा शिक्षा 68 प्रतिशत ही सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु जियो टैगिंग की गई है, बैठक में बताया गया कि लगाए गए पौधों की मॉनिटरिंग हेतु थर्ड पार्टी द्वारा जांच हेतु एफआरआई की टीम आएगी, सभी विभागों को शतप्रतिशत जियो टैगिंग कराने तथा पौधों की जीवितता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में 01 अक्टूबर को वानिकी वर्ष के प्रारंभ पर जागरूकता कार्यक्रम करने, यमुना नदी की बायोडायवर्सिटी असेसमेंट टीएसए संस्था से कराने हेतु भी प्रस्ताव रखे गए।
बैठक में डीएफओ आदर्श कुमार सहित यातायात, नगर निगम, जल निगम,उद्यान तथा समस्त संबंधित विभागों के अधिकारीगण के साथ समितियों के सदस्यगण मौजूद रहे।