एसएन मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग में तीन आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं। इससे मोतियाबिंद के ऑपरेशन और काला पानी की जांच बेहतर हो सकेगी। आँख के अल्ट्रासाउंड की सुविधा विभाग में मिल सकेगी।
विभागाध्यक्ष डॉ. स्निग्धा सेन ने बताया कि ओपीडी में औसतन 120 से अधिक मरीज आते हैं। इसमें मोतियाबिंद के 10-15 और 5-10 काला पानी के ऑपरेशन के मरीज होते हैं। आँख में चोट लगने, ऑपरेशन के लिए अल्ट्रासाउंड की भी विभाग में सुविधा नहीं थी। अब इन मशीनों से जाँच, इलाज और ऑपरेशन बेहतर हो सकेगा।
ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप :इससे मोतियाबिंद, आँख के पर्दे समेत अन्य के बेहतर ऑपरेशन संभव होंगे। इससे मर्ज को सटीक देखने के बाद ऑपरेशन की गुणवत्ता बेहतर होगी। सामान्य मशीनों के मुकाबले इससे ऑपरेशन से रोशनी ज्यादा प्रभावी होगी।
ऑटोमेटेड पेरिमीटर: ये मशीन पहली बार लगाई गई है। इससे काला पानी (ग्लूकोमा) के मरीजों की जाँच आसान और बेहतर हो सकेगी। ऑपरेशन के बाद तीन से 6 महीने में जांच की जाती है, इससे रोशनी की गुणवत्ता की सटीक पता लगाया जा सकेगा।
बी-स्कैन अल्ट्रासाउंड: इससे रेटिना और विटीरियस का अल्ट्रासाउंड हो सकेगा। अभी तक मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए रेडियोलॉजी विभाग भेजा जाता था, जहाँ लम्बी वेटिंग रहती थी। मरीज भी परेशान होते थे। अब उसी दिन जाँच और रिपोर्ट मिलेगी।