आगरा ज़िले में लगातार हो रही बारिश से खेरागढ़ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बसैया की छत शुक्रवार सुबह अचानक ढह गई, हालांकि किसी छात्र या अध्यापक को इस हादसे में चोट नहीं आई क्योंकि जिस समय छत ढही, उस समय विद्यालय के अंदर कोई नहीं था, सभी प्रांगण में थे। विद्यालय की छत की जर्जर हालत को देखते हुए विद्यालय की छुट्टी कर दी गई।
हादसे के बाद विद्यालय के निर्माण में किए गए भ्रष्टाचार को लेकर अभिभावकों ने काफी हंगामा किया और आरोप लगाया कि विद्यालय का भवन करीब 14 वर्ष पूर्व 2009 में बना था, लेकिन शुरुआत के ही कुछ वर्ष बाद इसकी छत टपकने लगी थी। धीर-धीरे छत का प्लास्टर भी झड़ने लगा। बारिश में कक्षाओं में बैठना मुश्किल हो जाता था। इसकी शिकायत कई बार की गई, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। कायाकल्प में भी मरम्मत आदि की कोई व्यवस्था नहीं हुई।
विद्यालय के प्रधान अध्यापक ने खंड शिक्षा अधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को इमारत की जर्जर हालत के बारे में पहले ही जानकारी दे दी थी। शुक्रवार सुबह बारिश के कारण पंजीकृत 42 बच्चों की तुलना में मात्र 12 ही बच्चे विद्यालय आए थे। अभी प्रार्थना ही हो रही थी कि कक्षा की छत भरभराकर गिर पड़ी। जिसके बाद प्रधान अध्यापक पूजा दत्ता ने बच्चों की छुट्टी कर खंड शिक्षा अधिकारी समेत बीएसए को सूचना दी।
खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विद्यालय को रैना नगर प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा गाँव की ही एक महिला अपने मकान में कक्षाएं संचालन की अनुमति दे रही हैं। वहाँ की व्यवस्था भी देखी जाएंगी।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जितेंद्र गौड़ ने बताया कि स्कूल का निर्माण 2009 में तत्कालीन प्रधान छतर सिंह की देखरेख में कराया था। बीईओ से रिपोर्ट मांगी गई है इसके बाद निर्माण कार्य के दोषियों के खिलाफ भी जाँच की कार्रवाई की जाएगी।
यह पहला मामला नहीं है, जब कमीशनखोरी और विभागीय सांठगांठ के कारण विद्यालय भवन इतनी जर्जर स्थिति में पहुंची हो। अब भी जिले में ऐसे तमाम विद्यालय हैं। पिछले वर्ष भी एत्मादपुर क्षेत्र में विद्यार्थियों के सामने ही एक विद्यालय की छत नीचे आ गई थी, मामले में एक शिक्षक को निलंबित कर मामले में इतिश्री कर दी गई, जबकि इसमें खंड शिक्षाधिकारी से लेकर जिला बेसिक शिक्षाधिकारी तक की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए थी। मामले की सूचना पर घंटों बाद शिक्षाधिकारी पहुंचे और कार्रवाई के नाम पर जांच का आश्वासन दे दिया।