उत्तर प्रदेश में इको-टूरिज्म की मांग बहुत समय से उठाई जाती रही है। बहुत वायदे भी सरकारी स्तर पर किये गए, लेकिन आज तक यह वायदे कागजी ही साबित हुए हैं।
इसी तरह का वायदा रविवार को आगरा पधारे उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह ने आगरा के पर्यटन उद्योग से किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश में सांस्कृतिक पर्यटन और इको-टूरिज्म को बढ़ाने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है और इसी क्रम में प्रदेश भर में १००० गांव इको-टूरिज्म के लिए चिन्हित किये गए हैं। इन गाँवों में पांच कमरे का एक गेस्ट हाउस खोलने पर 25 प्रतिशत सब्सिडी सरकार द्वारा प्रदान की जायेगी।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में इको-टूरिज्म बोर्ड का गठन किया गया है। पर्यटन गाँवों में चारपाई डाली जायेंगीं, जो कि देशी-विदेशी पर्यटकों को भारतीय संस्कृति की ओर रिझाएंगीं। प्रकृति की गोद में पर्यटक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति का भी लाभ ले पाएंगे।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि अनुसूचित जाती एवं महिलाओं को पांच कमरों का खोलने पर 30 प्रतिशत और अन्य जाति के आवेदकों को 25 प्रतिशत सब्सिडी पर्यटन विभाग देगा। एक प्रश्न के उत्तर में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि आगरा के बाह-बटेश्वर से लेकर रापड़ी के बीहड़ों तक इको-टूरिज्म सर्किट का विकास होगा जिसके लिए सरकार 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इको-टूरिज्म के लिए परिवहन, सिंचाई सहित नौ विभाग मिलकर काम करेंगे।
इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि आगरा किले में १५ सितम्बर से लाइट एंड साउंड शो शुरू हो जाएगा। देशी/विदेशी पर्यटकों को रात्रि में आगरा में रोकने के लिए और आकर्षण विकसित किये जाने की योजना बनाई जा रही है। उत्तर प्रदेश के सात शहरों में हेलीपोर्ट विकसित किए जा रहे हैं जिनमें सबसे पहले आगरा और गोवर्धन (मथुरा) में हेलीकॉप्टर सेवा शुरू होगी। ब्रज को हेलीकॉप्टर के ज़रिए उत्तराखण्ड के चार धाम से जोड़ा जायेगा जिससे हेलीकॉप्टर के ज़रिए लोग ताजमहल और धार्मिक नगरी मथुरा के साथ ही चार धाम के दर्शन कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि ब्रज तीर्थ विकास के लिये अरबों रुपये की योजनाएँ मथुरा-वृंदावन में चल रही हैं। काशी की तर्ज़ पर अयोध्या और मथुरा में दिव्यता दिखाई देगी, जिसके लिये कॉरिडोर भी बनाये जा रहे हैं।
आगरा एयरपोर्ट के सवाल पर पर्यटन मंत्री को सिविल सोसाइटी के विरोध का भी सामना करना पड़ा। जैसे ही पर्यटन मंत्री ने कहा कि ग्रेटर नोएडा के पास ज़ेवर में एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाया जा रहा है जो आगरा का भी एयरपोर्ट होगा, सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने पर्यटन मंत्री को ताजमहल भी आगरा से उखाड़कर ज़ेवर ले जाने की सलाह दे डाली। इस पर पर्यटन मंत्री ने आश्वस्त किया कि आगरा शहर को भी जल्दी ही एक सिविल टर्मिनल मिलेगा।
आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चैम्बर के सचिव विशाल शर्मा का यह कहना भी उचित लगा कि आगरा में यमुना पर बैराज और रिवर फ्रंट का बनना भी बेहद ज़रूरी है जिसके लिए प्रदेश सरकार ने कई बार वायदे किए हैं लेकिन पूरे नहीं हुए। यमुना में बहने वाली गंदगी को रोकने के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। यमुना की सफ़ाई को लेकर जनता का जागरूक करने के लिए स्थानीय निवासियों द्वारा यमुना आरती अभियान पिछले कई सालों से चलाया जा रहा है, लेकिन सरकार का ध्यान यमुना नदी की ओर जा ही नहीं रहा। जब पर्यटक ताजमहल से यमुना को देखकर उसकी गंदगी पर टिप्पणी करते हैं तो इससे सरकार को भले ही फ़र्क़ ना पड़ता हो, लेकिन आगरा के नागरिकों का सर शर्म से नीचा हो जाता है।