7 दिसंबर 2020 का दिन आगरा निवासियों को भली भांति याद है जब प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने आगरा में मेट्रो रेल परियोजना का शिलान्यास करते हुए 273 करोड़ रुपये से एलेवेटेड सेक्शन बनाने का वायदा किया था।
आज 7 दिसंबर 2021 को मेट्रो परियोजना के शिलान्यास को 365 दिन पूरे होने के बाद ताजमहल पूर्वी गेट, बसई और फतेहाबाद रोड पर मेट्रो रेल के स्टेशन का ढांचा खड़ा हो गया है, यानि लगभग 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2022 में 273 करोड़ रुपये से निर्माणाधीन एलेवेटेड सेक्शन का काम अवश्य पूरा हो जायेगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार आगरा मेट्रो परियोजना की जानकारी PMO भी बराबर ले रहा है।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन (UPMRC) के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया है कि केवल एक साल में इतना काम करने का श्रेय हमारी पूरी टीम को है। टीम वास्तव में बधाई की पात्र है। इस एक साल को एक साल बेमिसाल कहा जा सकता है।
फतेहाबाद रोड पर 3.2 किमी का एलेवेटेड सेक्शन निर्माणाधीन है। इसमें तीन स्टेशन होंगे। आगरा प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविन्द राय ने बताया कि 7 दिसंबर 2022 तक तीनों स्टेशनों का काम पूरा हो जाने की उम्मीद है। तब तक हम भूमिगत मेट्रो स्टेशन बनाने का काम कर रहे होंगे। UPMRC ने SAM INDIA BUILTWELL को एलेवेटेड सेक्शन बनाने का काम सौंपा हुआ है।
बताया जा रहा है कि मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए पिलर, पिलर कैप, कन्वर्स बीम, हॉरिजॉन्टल बीम, टी गर्डर, U गर्डर का निर्माण बमरौली कटारा स्थित कास्टिंग यार्ड में हो रहा है। यहाँ पहले कंक्रीट का ढांचा प्री कास्ट किया जाता है फिर इसे ट्रक की मदद से साइट पर पहुंचाया जाता है। साइट पर क्रेन द्वारा प्री कास्ट ढांचे को कॉरिडोर व स्टेशन पर रखा जाता है।
PAC ग्राउंड पर 112 करोड़ रुपये से मेट्रो डिपो का निर्माण भी तेज गति से चल रहा है। लगभग 8 एकड़ में बन रही इस डिपो में मेट्रो कोच के लिए वर्कशॉप, कण्ट्रोल रूम, टेस्टिंग ट्रैक, वाशिंग प्लांट व अन्य सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। यहाँ लगभग 60 प्रतिशत काम पूरा भी हो चुका है। उम्मीद है कि 2022 के जून माह तक कार्यदायी संस्था LISA Engineers द्वारा डिपो का निर्माण पूरा हो जायेगा।
ताजनगरी आगरा में मेट्रो ट्रेन के लिए दो कॉरिडोर बनेंगे। सिकंदरा से ताज के पूर्वी गेट तक पहला कॉरिडोर 14 किमी लंबा होगा जिसमें 6 एलेवेटेड व 7 भूमिगत सहित कुल 13 मेट्रो स्टेशन होंगे। कैंट रेलवे स्टेशन से कालिंदी विहार तक दूसरा कॉरिडोर 15.4 किमी लंबा होगा जिसमें 14 स्टेशन बनेंगे। सभी स्टेशन एलेवेटेड होंगे। पूरे प्रोजेक्ट पर UPMRC लगभग 8,384 करोड़ रुपये खर्च करेगा।
इस सन्दर्भ में आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चैम्बर के सचिव विशाल शर्मा का कहना था कि मेट्रो ट्रेन आगरा में चलाने से पहले केंद्र और राज्य सरकार को एक सर्वे कराने के बाद यह देखना चाहिए था कि दरअसल फतेहाबाद रोड पर मेट्रो रेल चलाने की आवश्यकता थी भी या नहीं। शर्मा ने कहा कि मेट्रो रेल परियोजना मूलतः स्थानीय नागरिकों की सुविधा और शहरी यातायात में सुधार के लिए बनाई जाती हैं लेकिन आगरा की इस मेट्रो परियोजना का प्रथम चरण पूर्णतया पर्यटकों पर फोकस है, जिसका औचित्य समझ नहीं आता। इस परियोजना से फिलहाल केवल पर्यटकों को आने – जाने में असुविधा हो रही है, कोई फायदा होगा भी या नहीं, यह समय आने पर ही पता चलेगा। अगर वास्तव में मेट्रो का प्रथम चरण शुरू करना था, तो वह ट्रांस-यमुना क्षेत्र को बाक़ी शहर से जोड़ने वाला कॉरिडोर होना चाहिए था।