ब्रज की राजधानी मथुरा में UPTET के पेपर लीक होकर शामली में परीक्षा से 4 घंटे पहले बाँट दिए गए। STF मेरठ विंग में शामली से मनीष, रवि और धर्मेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। इनके कब्जे से मूल प्रश्नपत्र, उसकी फोटो कॉपी के नौ सेट व 17 हजार रुपये बरामद किये गए हैं।
सूत्रों ने बताया कि इनका अपना गैंग है। इस गैंग ने अलीगढ़ के टप्पल निवासी गौरव से पांच लाख रूपये में पेपर खरीदा और फिर 50 – 50 हज़ार रुपये लेकर 50 से 60 अभ्यर्थियों में बाँट दिए। एक प्रशासनिक अधिकारी ने अपना नाम न छपने की शर्त पर बताया कि पेपर लीक के तार सचिवालय से जुड़े दिखाई दे रहे हैं।
लखनऊ से गिरफ्तार अयोध्या निवासी कौशलेन्द्र राय से सचिवालय का पास, खाद्य – रसद विभाग का पहचान पत्र और अन्य जरूरी दस्तावेज भी मिले हैं। उसने STF को बताया कि उनसे फर्जी तरीके से यह पास बनवाये थे। सचिवालय में उसके परिचित हैं जिनके जरिये उसका वहां आना – जाना रहता था। STF अब एक संविदाकर्मी की तलाश में जुटी है।
अलीगढ़ से गिरफ्तार आरोपी गौरव से हुई पूछताछ में आगरा के एक शिक्षक का नाम सामने आ रहा है। अब एसटीएफ ने आगरा में डेरा डाल दिया है और उस शिक्षक की तलाश में जुट गई है। पूछताछ में सामने आया है कि गौरव ने ही मथुरा में 5 लाख रुपये में पेपर बेचा था और गौरव को यह पेपर आगरा के एक सरकारी कॉलेज के शिक्षक ने उपलब्ध कराया था।
आगरा मंडल के दो जिलों फ़िरोज़ाबाद और मैनपुरी से UPTET का पेपर वायरल होने और फिर परीक्षा रद्द होने के बाद शिकोहाबाद और मैनपुरी में पांच सॉल्वर समेत 7 युवकों को भी गिरफ्तार किया है। शिकोहाबाद में SOG और सर्विलांस टीम ने पुरातन सरस्वती शिशु मंदिर के पास से राहुल कुमार (बिहार), रोहित यादव, अमित, अजय, शैलेन्द्र को गिरफ्त में लिया है।
SP(RA) अखिलेश कुमार ने बताया कि राहुल कुमार और अंकित परीक्षार्थी के लिए सिकंदर कुमार और दुर्गेश यादव को परीक्षा में बैठाया जाना था। कुशल आदर्श राष्ट्रीय विद्यालय से कन्नौज के शरीफाबाद निवासी आलोक पाल को कान में लगी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ पकड़ा है।
इस पूरे घटनाक्रम पर एक वरिष्ठ नागरिक का कहना था कि UPTET की परीक्षा का पेपर परीक्षा शुरू होने से पहले जब आउट हो गया तब आनन् – फानन में परीक्षा का निरस्त होना ठीक ही रहा। इस सिलसिले में पुलिस ने 29 आरोपियों को गिरफ्तार कर अच्छा उदाहरण पेश किया है। इनमें इलाहाबाद से 18, लखनऊ से 4, शामली से 3, अयोध्या से 3, कौशाम्बी से 1 व्यक्ति को पेपर आउट होने के बाद पकड़ा गया है। इलाहाबाद से सहायक अध्यापक सत्यप्रकाश सिंह की गिरफ्तारी की गई है।
ADG L&O प्रशांत कुमार ने बताया कि पेपर लीक की जाँच STF को सौंपी गयी है। एक माह के अंदर परीक्षा दुबारा कराई जायेगी लेकिन फीस दोबारा जमा नहीं करनी पड़ेगी तथा दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की जायेगी। अगर परीक्षा नियामक आयोग या सम्बंधित एजेंसी की गड़बड़ पाई गयी तो उसे भी बख्शा नहीं जाएगा, तथा अन्य माफिया की तरह नक़ल माफिया को ख़त्म करने का अभियान भी चलाया जायेगा।
हालांकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि उत्तर प्रदेश सरकार UPTET के अभ्यर्थियों के साथ खड़ी है। एक माह के अंदर पारदर्शी तरीके से फिर परीक्षा होगी जिसमें छात्रों से कोई अतिरिक्त फीस नहीं की जायेगी। साथ ही उन्हें उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा करने की सुविधा प्रदान की जाएगी। कुल अभ्यर्थियों की संख्या 19,99,418 थी।
हिंदुस्तानी बिरादरी के उपाध्यक्ष विशाल शर्मा का कहना था कि पेपर लीक होने से पूरे देश में उत्तर प्रदेश की जो बदनामी हो रही है वह पूरे प्रदेश की जनता के लिए शर्म की बात है। इस घटना से ब्रज क्षेत्र निवासियों का सर भी झुक गया है। इसलिए पेपर लीक जैसी घटनाएं भविष्य में न होने पाएं, ऎसी कोशिश की जाए।