आगरा को ताजनगरी नाम से इसलिए पुकारा जाता है क्योंकि इस शहर में विश्व की साबसे नायब इमारत ताजमहल है जिसका दीदार करने विश्व के हर कोने से पर्यटक आगरा आते हैं।
वर्तमान में आगरा के सभी विधायक, सांसद और अन्य संवैधानिक पदों पर विराजमान नेता भाजपा से हैं। 9 भाजपा विधायक, 3 भाजपा सांसद और एक भाजपामयी नगर निगम के होते हुए भी आगरा देश के स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार पिछड़ता जा रहा है। पूर्व में जहाँ आगरा स्वच्छता सर्वेक्षण में 16वें स्थान पर था, तो अब 2021 के सर्वेक्षण में यह 24वें स्थान पर लुढ़क गया गया है।
हिंदुस्तानी बिरादरी के उपाध्यक्ष विशाल शर्मा का कहना था कि जिस तरीके से आगरा की जनता ने चुन – चुन कर सत्ता पक्ष के विधायक और सांसदों को वोट दिया, उसको देखते हुए तो आगरा का स्थान देश में पहला होने चाहिए। अगर स्वच्छता सर्वेक्षण में यह शहर इसी तरह पिछड़ता रहा तो इस शहर की ही नहीं, बल्कि इसके सभी जनप्रतिनिधियों की छवि देश भर में धूमिल होगी। खासकर आगरा के नगर निगम और मेयर की छवि पर तो अच्छा खासा बट्टा लग जाएगा। अच्छा हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस मसले पर नगर निगम के अधिकारियों की खिंचाई करें, अन्यथा आगरा की जनता हाल-फिलहाल में हो चुकी शहर की दुर्दशा को लेकर काफी आक्रोश में है और आने वाले चुनावों में जनता का यह आक्रोश भाजपा को भारी पड़ सकता है।
इस सन्दर्भ में कांग्रेस नेता शब्बीर अब्बास का कहना था कि आगरा की ओर उत्तर प्रदेश शासन का कोई ध्यान नहीं है। यह भाजपा सरकार केवल धार्मिक दृष्टी से ही शहरों का उत्थान करती हुई दिखाई दे रही है, जबकि आगरा जैसे शहर में व्याप्त गंदगी और धूल के गुबारों की ओर से प्रदेश सरकार पूरी तरह बेपरवाह है। शहर के निवासियों को वातावरण में दिन – रात छाई रहने वाली धूल के कारण श्वास रोग हो रहे हैं, दमे के मरीजों का दम निकल रहा है, पूरे शहर में चल रही खुदाई के बाद सड़कें नहीं बनाये जाने के कारण शहरियों की ज़िंदगी बदहाल हो चुकी है, लेकिन शहर के मेयर नवीन जैन रोमन सम्राट नीरो की तरह बांसुरी बजा रहे हैं।