कश्मीर में आजकल प्रतिदिन होने वाली आतंकवादी गतिविधियां मीडिया की सुर्खियां बनी हुई हैं। बड़ी संख्या में कश्मीरी नागरिक जम्मू – कश्मीर की जेलों में पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के अंतर्गत निरुद्ध किये जा रहे हैं, जिनमें से 38 बंदियों को आगरा केंद्रीय कारागार में कड़ी सुरक्षा के बीच लाया गया।
बंदियों को विशेष विमान से आगरा एयरपोर्ट पर लाया गया, जहाँ से इनको आगरा सेन्ट्रल जेल की विशेष बैरक में लाया गया। इनकी सुरक्षा के लिए जेल में विशेष आंतरिक सुरक्षा इंतजाम भी किये गए हैं।
सेन्ट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक वी के सिंह ने बताया की 25 कश्मीरी और 11 जम्मू के बंदी यहाँ लाये गए हैं, जिन्हें आम बंदियों से अलग दो बैरकों में रखा गया है। इन सभी का एंटीजन टेस्ट कराया जाएगा। सिंह ने बताया की 17 अक्टूबर को भी 15 बंदी लाये गए थे, जिन्हें अलग बैरक में रखा गया है। अब आगरा सेंट्रल जेल में कुल 56 कश्मीरी बंदी हो गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आगरा की सेंट्रल जेल में जम्मू – कश्मीर के ही नहीं बल्कि प्रदेश की अन्य जेलों से भी कुख्यात बदमाश और माफिया भी लाये जा चुके हैं। इसके पीछे सेन्ट्रल जेल की कड़ी सुरक्षा एक प्रमुख कारण है। सन 1982 में बनी आगरा सेंट्रल जेल में विशेष सुरक्षा बैरक हैं जहाँ बंदी अलग – अलग रह सकते हैं। जेल की मुख्य दीवार के बाद एक और सुरक्षा दीवार बनाई गयी है। जेल के बाहर बैरियर पर पुलिस और एक प्लाटून पास रहती है। फिलहाल इस जेल में 1700 से अधिक सजायाफ्ता कैदी निरुद्ध हैं।
सेंट्रल जेल के एक कर्मी ने बताया है कि जम्मू – कश्मीर के बंदियों को लाने वाले चारों पुलिस वाहनों की खिड़कियां चादर से ढकी रही थीं। पुलिस की एस्कॉर्ट गाड़ियां आगरा एयरपोर्ट से सेंट्रल जेल तक का रास्ता साफ़ करवाती आगे – आगे चल रही थीं। सुरक्षा में 50 से अधिक पुलिसकर्मी लगे थे। मार्ग में ट्रैफिक को भी कई स्थानों पर रोक दिया गया था। जेल के भीतर भी स्मार्ट बंदियों की तलाशी ली गयी थी।