विगत दिनों प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यपद्धति की प्रशंसा करते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश के अपराधी वर्तमान में या तो जेल में हैं या प्रदेश छोड़ कर भाग गए हैं।
इस पर उपस्थित जनता ने ताली बजाकर मोदी / योगी जिंदाबाद के नारे भी लगाए थे, लेकिन मोदी के इस कथन को अभी दो – तीन दिन बीते थे कि बृज की राजधानी मथुरा में पुलिस विभाग के ही कई लोगों के साथ खुद को कलम के सिपाही कहने वाले 4 पत्रकार ट्रक चालकों से अवैध वसूली करते हुए आगरा जोन के आई जी नवीन अरोड़ा के प्रयास से पुलिस के शिकंजे में फंस गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 16 सितम्बर की रात को दिल्ली – आगरा है वे मार्ग पर (मथुरा) पर ट्रकों से अवैध वसूली करने वाले तथाकथित चार पत्रकार, एक दरोगा और दो – तीन कांस्टेबल आई जी नवीन अरोरा की टीम के शिकंजे में फंस गए।
मथुरा के पुलिस अधीक्षक एम पी सिंह ने बताया कि आगरा के कमलानगर निवासी कृष्णा अग्रवाल s/o मुकेश अग्रवाल एक गल्ला व्यापारी हैं। उनका चावल से भरा ट्रक कुरुक्षेत्र के इस्माइलबाद के लिए चावल लेकर आगरा आ रहा था। इस ट्रक को अमर सिंह नमक ड्राइवर चला रहा था। ट्रक को थाना फरह के महुअन टोल पर हौंडा सिटी कार आगे लगा कर रोक लिया और ड्राइवर से तीन लाख रुपये की मांग करने लगे और न देने पर जेल भेजने की धमकी देने लगे।
ड्राइवर ने ट्रक मालिक को फोन पर सारी स्थिति से अवगत कराया और मालिक ने तुरंत आगरा जोन के आई जी नवीन अरोरा से संपर्क साधा। आई जी ने अपनी पुलिस टीम तुरंत घटनास्थल पर भेजी और सच्चाई की जानकारी ली। जब आई जी के संज्ञान में हकीकत आई तो सम्बंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ तुरंत कार्यवाही हो गयी।
कृष्णा अग्रवाल ने बताया कि 3 सितम्बर को भी उनके चावल से भरे ट्रक को “छटीकरा क्षेत्र” में रोक लिया था। पुलिस के साथ मिलकर यह तथाकथित पत्रकार मिल कर पूर्व में भी दो लाख रुपये की वसूली कर चुके हैं। इनके साथ दो व्यक्ति और शामिल हैं, जिनके नाम बी एस छोंकर और विशन गोपाल बताये जाते हैं, जो अभी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।
मथुरा के गोवर्धन क्षेत्र में इसी तरह की घटना 7 सितम्बर को हो चुकी है। दो लाख रुपये के बाद ट्रक छोड़ा गया था। जब SO फरह से इस अवैध वसूली की बाबत मालूम किया तो उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में उनके पास आज तक कोई शिकायत नहीं आई।
SSP मथुरा डॉ0 गौरव ग्रोवर ने बताया कि तीन पुलिसकर्मियों को तुरंत निलंबित कर दिया गया है और विभागीय कार्यवाही भी की जा रही है। चार पत्रकारों को भी गिरफ्तार किया गया है जिनके पास से 10 प्रेस आईडी, 4 एंड्राइड फ़ोन, हौंडा सिटी कार, एक वैगन आर, 4 पर्स एवं 4712 रुपये भी मिले हैं। पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए लोगों में अजित कुमार, बहादुर सिंह, ऋचा शर्मा, दिगंबर सिंह, नरेश कुमार, जितेंद्र शर्मा आदि हैं।
सामजिक कार्यकर्त्ता समीर का कहना था कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो उस जिले / शहर का क्या होगा। आई जी नवीन अरोरा की कार्यपद्धति की सराहना करते हुए समीर ने बताया कि अगर आई जी इस अवैध वसूली करने वाले पर तुरंत एक्शन नहीं लेते तो इस तरह का अवैध खेल चलता रहता।
आई जी नवीन अरोरा का कहना था कि इस तरह के लोग पत्रकारिता और पुलिस की कार्यपद्धति पर उंगली उठाते हैं। पूरे रेंज में इस तरह के अवैध काम करने वालों पर कड़ी निगाह खुफिया तरह से रखी जा रही है। अगर कोई भी इस तरह के अवैध काम में लिप्त पाया गया तो कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जायेगी।