आम आदमी पार्टी की आगरा में निकली सफल तिरंगा यात्रा को लेकर सत्ताधारी पार्टी के अतिरिक्त अन्य सियासी पार्टियों का आश्चर्यचकित होना लाजिमी था, क्योंकि आगरा ही नहीं, समूचे उत्तर प्रदेश में इस पार्टी का ज्यादा जनाधार न होने के बावजूद 29 अगस्त को सफल तिरंगा यात्रा निकाल कर यह दिखा दिया कि 2022 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों में आम आदमी पार्टी भी मैदान में जोर-शोर के साथ उतर सकती है।
शायद इसी सफल तिरंगा यात्रा को दृष्टिगत रखते हुए आगरा प्रशासन ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia), राज्यसभा सांसद संजय सिंह और सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के खिलाफ थाना लोहामंडी में एफआईआर दर्ज करा दी है। आरोप लगाया गया है कि शहर में धारा 144 लगी हुई थी और बिना अनुमति के तिरंगा यात्रा निकाली गई है, तथा कोरोना गाइडलाइन का भी उल्लंघन किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia), राज्यसभा सांसद संजय सिंह के अलावा 17 लोग नामजद किए गए हैं व 400 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 188 सीआरपीसी, 269, 270 आईपीसी और महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। यह मुकदमा कपिल कुमार के नाम से जिला प्रशासन द्वारा दर्ज कराया गया है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बताया है कि आगरा प्रशासन ने हमारी पार्टी को मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र मंटोला से गुजरने की अनुमति नहीं दी थी। इसके चलते ऐन वक्त पर पार्टी को अपनी यात्रा का रूट बदलना पद था। यह यात्रा जीआईसी मैदान से शुरू होकर महात्मा गांधी मार्ग होते हुए संजय प्लेस स्थित शहीद स्मारक तक निकाली गई थी।
बता दें कि आगामी 2022 विधानसभा चुनाव को देखते हुए तिरंगा संकल्प यात्रा के जरिए आम आदमी पार्टी ताजनगरी आगरा में अपनी चुनावी जमीन तैयार करने में लग गई है, इसी वजह से यह कवायद हो रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि पार्टी आगरा में भी अपना उम्मीदवार उतार सकती है।
आम आदमी के एक स्थानीय नेता का कहना था कि राजनीतिक साजिश के तहत थाना लोहामंडी में हमारे नेताओं के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज कराया गया है, जबकि अभी कुछ हफ्ते पहले ही आगरा के सांसद एस पी सिंह बघेल के केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद आगरा पधारने पर यमुना एक्स्प्रेसवे से लेकर पूरे आगरा भर में भाजपा समर्थकों का हुजूम दिखाई दे रहा था। जगह-जगह बघेल का रास्ता रोक-रोक कर उनका स्वागत किया गया। क्या इस स्वागत जुलूस की अनुमति जिला प्रशासन से ली गई थी, जबकि उस दिन कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह उल्लंघन हुआ था। क्या जिला प्रशासन केन्द्रीय मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएगा?
सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार नागरथ का यह कहना उचित लगा कि जिला प्रशासन को पूरी तरह निष्पक्ष होना चाहिए। अगर केन्द्रीय मंत्री के आगरा आगमन पर कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन किया गया था तो उनपर भी केस दर्ज किया जाना चाहिए।