कोरोना की दूसरी लहर के बाद शुरू हुआ काली फंगस (Black Fungus) का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दो हफ्तों में लगभग आधा दर्जन ऐसे मरीज आगरा के सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज में भर्ती किए गए हैं जिनको अत्यधिक डायबिटीज होने के कारण ठीक होने के बाद दोबारा काली फंगस का संक्रमण हो गया है।
मेडिकल कॉलेज के सूत्रों ने बताया है कि काली फंगस (Black Fungus) के ऐसे कुल 10 मरीज इस वक्त मेडिकल कॉलेज में आए हैं जिनको कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण हुआ था जिसके बाद वे काली फंगस (Black Fungus) से संक्रमित हो गए। सभी 10 मरीज 50 वर्ष से ऊपर उम्र के हैं और सभी अत्यधिक गंभीर डायबिटीज से ग्रसित हैं।
सूत्रों ने बताया कि उपरोक्त सभी मरीज पूर्व में मेडिकल कॉलेज में इलाज कराकर संक्रमण मुक्त हो गए थे और उनको दोबारा संक्रमण के लक्षण आए हैं जिसके बाद उन्हें पुनः भर्ती किया गया है। अब तक कुल 92 काली फंगस (Black Fungus) के मरीज मेडिकल कॉलेज में भर्ती हो चुके हैं, जिनमें से 15 की संक्रमण दिमाग तक पहुँच जाने के कारण मृत्यु हो चुकी है, जबकि 11 की आँख निकालनी पड़ी थी।
काली फंगस (Black Fungus) के शुरुआती लक्षणों के बारे में डॉक्टर अभी एकमत नहीं हैं क्योंकि यह लक्षण मरीज दर मरीज बदलते हैं। कुछ मरीज में यह लक्षण सिर्फ तीव्र सरदर्द और बुखार से शुरू होते हैं, जबकि अन्य में सिर्फ नाक बंद होने और चेहरे में दर्द होने से शुरुआत होती है। कई अन्य मरीजों में नाक के अंदर काली पपड़ी जमने अथवा दांत में दर्द होने की शिकायत देखी गई है। अधिक गंभीर मामलों में दिखाई देना बंद होना, अथवा चेहरा सुन्न हो जाने जैसे लक्षण आते हैं। हालांकि यह फंगस अधिकतर डायबिटीज रोगियों को ही ग्रसित कर रही है चूंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।