भारत में लागू किए गए नए आईटी नियमों पर संयुक्त राष्ट्र के कुछ एक्सपर्ट्स द्वारा सवाल उठाने के बाद अब केंद्र सरकार की तरफ से जवाब भेजा गया है। सरकार की ओर से भेजे गए जवाब में कहा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के हो रहे गलत इस्तेमाल के चलते उन्हें नए नियम लागू करने पर मजबूर होना पड़ा।
भारत सरकार ने साफ किया है कि नए मीडिया प्लेटफॉर्म की मदद से आतंकियों की भर्ती, अश्लील सामग्री का बढ़ना, वित्तीय फ्रॉड, हिंसा को बढ़ावा मिलना जैसे मामले सामने आए थे। इसकी वजह से नियमों में बदलाव को सरकार मजबूर हुई। भारत की तरफ से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को यह जवाब भेजा गया है। संयुक्त राष्ट्र को लिखे पत्र में बताया गया है कि सरकार ने इस बारे में 2018 में विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया था।
भारत सरकार के आईटी मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक, 11 जून को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के तीन दूतों ने भारत में लागू हुए नए आईटी नियमों पर सवाल खड़े किए थे, अब सरकार ने इसका जवाब भेज दिया है।
26 मई से लागू हुए हैं नए आईटी नियम
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने बीते रविवार को बताया कि भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र को बताया है कि उसने सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2021 यानी नए आईटी नियम तैयार किए हैं। इन्हें 25 फरवरी 2021 को अधिसूचित किया है। देश में ये नियम 26 मई 2021 से लागू हो गए हैं। नए आईटी कानून सोशल मीडिया के सामान्य उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाने के लिए बनाए गए हैं। इससे अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दुर्व्यवहार के शिकार लोगों के पास उनकी शिकायतों के निवारण के लिए एक मंच होगा।