Yogi Adityanath

Yogi Adityanathउत्तर प्रदेश में एक जिला-एक उत्पाद योजना को लागू कर स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के तहत गोरखपुर को एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में शामिल किए जाने के बाद पूर्वांचल के रेडीमेड गारमेंट सेक्टर को पंख लग रहे हैं। इस क्षेत्र में उद्यम लगाने के लिए स्थानीय उद्यमी तो उत्साहित हैं ही, अब बाहर के औद्योगिक घराने भी रुचि दिखाने लगे हैं।

चैम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज गोरखपुर से कई बाहरी उद्यमियों ने सम्पर्क कर यूनिट लगाने की इच्छा जताई है। इसकी जानकारी चैम्बर के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी को गोरखपुर में दी, तो उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार गोरखपुर को केंद्र बनाकर पूर्वांचल को रेडीमेड गारमेंट सेक्टर का हब बनाने को संकल्पित है। इस बाबत सरकार अपनी तरफ से प्रोत्साहन और धन की कमी नहीं आने देगी।

टेराकोटा के बाद रेडीमेड गारमेंट का हब बनेगा गोरखपुर
दरअसल मुख्यमंत्री योगी ने टेराकोटा के बाद रेडीमेड गारमेंट को गोरखपुर के एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में शामिल किया है। अक्टूबर 2020 के अंत में ओडीओपी में शामिल किए जाने के बाद इस सेक्टर में उद्यमियों का रुझान तेजी से बढ़ा है। इस सेक्टर को और बढ़ावा देने के लिए मार्च माह में गोरखपुर के टाउनहॉल मैदान में रेडीमेड गारमेंट की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। इस प्रदर्शनी में मुख्यमंत्री योगी खुद शामिल हुए थे और उद्यमियों की हौसला अफजाई की थी। सीएम योगी की पहल पर रेडीमेड गारमेंट के उद्यमियों को सुनियोजित स्थान उपलब्ध कराने के लिए गीडा में फ्लैटेड फैक्ट्री का प्रोजेक्ट क्रियाशील है।

बाहरी उद्यमी भी गारमेंट यूनिट लगाने के इच्छुक
बुधवार को गोरखपुर दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात कर चैम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विष्णु प्रसाद अजित सरिया और पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने उन्हें बताया कि रेडीमेड गारमेंट सेक्टर में यूनिट लगाने के लिए जिले के बाहर के भी कई उद्यमी इच्छा जता रहे हैं। चैम्बर के पदाधिकारियों ने बताया कि यह रेडीमेड गारमेंट सेक्टर को ओडीओपी में शामिल करने से सम्भव हुआ है। बाहर से उद्यमी लगातार चैम्बर से सम्पर्क कर रहे हैं।

रेडीमेड गारमेंट का हब बनाने की दिशा में तेजी से हो रहा कार्य
मुख्यमंत्री योगी ने चैम्बर के पदाधिकारियों को भरोसा दिलाया कि सरकार गोरखपुर को केंद्र बनाकर पूर्वी उत्तर प्रदेश को रेडीमेड गारमेंट का हब बनाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। यह बड़ी संख्या में रोजगार सृजन का माध्यम साबित होगा। इसके लिए जितने भी धन की आवश्यकता होगी, उपलब्ध कराया जाएगा। गीडा में फ्लैटेड फैक्ट्री की तरह गोरखनाथ क्षेत्र में स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में भी रेडीमेड गारमेंट फ्लैटेड फैक्ट्री की चैम्बर की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमियों की संख्या बढ़ने पर भी विचार किया जाएगा। गीडा बोर्ड की बैठक में उद्यमियों को बुलाए जाने की मांग पर भी मुख्यमंत्री ने सकारात्मक आश्वासन दिया।

एमएसएमई के जरिये 50 हजार रोजगार देने की तैयारी
एक अनुमान के मुताबिक गोरखपुर में 350 करोड़ रुपये की पूंजी से करीब 15 हजार लोगों को रेडीमेड सेक्टर में रोजगार मिला है। सरकार का मानना है कि इतने कम निवेश पर अन्य क्षेत्र में इतना रोजगार मिलना सम्भव नहीं है। इसे देखते हुए एमएसएमई के जरिए रेडीमेड गारमेंट के परंपरागत उद्यम से सरकार 50 हजार लोगों को रोजगार दिलाने की तैयारी में है। कोरोना की दूसरी लहर के पहले तक गोरखपुर में 500 करोड़ रुपये के रेडीमेड गारमेंट्स की खपत यहीं तैयार कपड़ों से हो रही थी। तब बाजार में 2000 करोड़ रुपये के रेडीमेड गारमेंट बाहर के उद्यमी कर रहे थे। सरकारी प्रयासों से बढ़ावा मिलने पर बाहर से होने वाली आपूर्ति यहीं के उत्पादन से हो सकेगी।

रेडिमेड गारमेंट यूनिट लगाने पर 20 लाख तक का अनुदान
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि ओडीओपी के तहत रेडीमेड गारमेंट यूनिट लगाने पर सरकार 20 लाख रुपये तक का अनुदान दे रही है। यूनिट लगाने को आवेदन करने पर किसी भी राष्ट्रीयकृत या अन्य शेड्यूल्ड बैंक से लोन मिल सकता है। लोन के सापेक्ष सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन (एमएसएमई) विभाग की ओर से मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। 25 लाख रुपये तक की कुल परियोजना लागत की इकाइयों के लिए कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत या अधिकतम 6.25 लाख रुपये में से जो भी कम हो, मार्जिन मनी के रूप में देने की व्यवस्था है। 25 लाख से 50 लाख रुपये तक की परियोजना लागत की इकाइयों के लिए धनराशि 6.25 लाख रुपये अथवा परियोजना लागत का 20 प्रतिशत, जो भी अधिक हो, मार्जिन मनी के रूप में दी जाएगी। 50 लाख रुपये से 1.50 लाख (डेढ़ करोड़) तक की परियोजना लागत की इकाइयों के लिए 10 लाख या परियोजना लागत का 10 प्रतिशत में से जो भी अधिक हो, वह मार्जिन मनी के रूप में मिलेगी। 150 लाख (1.5 करोड़) से अधिक की कुल परियोजना लागत की इकाइयों के लिए परियोजना लागत का 10 प्रतिशत या अधिकतम 20 लाख रुपये में से जो भी कम हो, मार्जिन मनी के रूप में दी जाएगी।

Vishal Sharma
Vishal Sharma

Vishal is a technology enthusiast with journalistic leanings. He was one of the first bloggers in India, coming online in 1994, even before the internet was available on a widespread basis in India. Vishal is a cybersecurity consultant working as an independent contractor for Google. A journalist with a career spanning over 20 years, he has worked for several national English dailies including The Pioneer, Indian Express, Business Standard, and more. He has also worked for Indo-American Times, and India Monthly magazine, based in the United States of America. Besides being on the editorial board of Vijayupadhyay.com, he also publishes Indian Talent Magazine, an internationally acclaimed talent promotion publication. He has extensive experience in corporate branding, online publishing, and advertising. He started Vikirna Mediatek in 2018 with a vision to bring affordable technology solutions to the common masses of an India which is fast becoming Digital, walking on the path that was heralded by the late Prime Minister of India Rajiv Gandhi and forwarded by the current Prime Minister Narendra Modi.

By Vishal Sharma

Vishal is a technology enthusiast with journalistic leanings. He was one of the first bloggers in India, coming online in 1994, even before the internet was available on a widespread basis in India. Vishal is a cybersecurity consultant working as an independent contractor for Google. A journalist with a career spanning over 20 years, he has worked for several national English dailies including The Pioneer, Indian Express, Business Standard, and more. He has also worked for Indo-American Times, and India Monthly magazine, based in the United States of America. Besides being on the editorial board of Vijayupadhyay.com, he also publishes Indian Talent Magazine, an internationally acclaimed talent promotion publication. He has extensive experience in corporate branding, online publishing, and advertising. He started Vikirna Mediatek in 2018 with a vision to bring affordable technology solutions to the common masses of an India which is fast becoming Digital, walking on the path that was heralded by the late Prime Minister of India Rajiv Gandhi and forwarded by the current Prime Minister Narendra Modi.