उत्तर प्रदेश के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न राजनीतिक दलों पर कटाक्ष किया और अपनी कार्यशैली की सराहना की, लेकिन उनके द्वारा ‘कठमुल्ला’ शब्द का प्रयोग चर्चा का विषय बन गया है।
हिंदुस्तानी बिरादरी संस्था के अध्यक्ष और राष्ट्रीय कबीर पुरस्कार से सम्मानित डॉ. सिराज कुरैशी ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सिर्फ प्रदेश के मुखिया ही नहीं, बल्कि एक योगी भी हैं। भारत में सूफी, संत, महात्मा और योगियों को विशेष सम्मान दिया जाता है, और उनके बताए मार्ग पर चलने की कोशिश हर वर्ग करता है। लेकिन जब कोई महापुरुष किसी समुदाय, जाति या धर्म के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करता है, तो यह हैरानी और चिंता का विषय बन जाता है।
डॉ. कुरैशी ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली की प्रशंसा विश्वभर में की जाती है। कुंभ मेले की भव्य सफलता इसका प्रमाण है। लेकिन जब योगी आदित्यनाथ जैसे सम्मानित व्यक्ति की ज़ुबान से ‘कठमुल्ला’ जैसे शब्द निकलते हैं, तो यह केवल आश्चर्यजनक ही नहीं, बल्कि दुखद भी प्रतीत होता है।
संस्था के वाईस चेयरमैन विशाल शर्मा ने प्रयागराज कुंभ मेले के सफल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी, लेकिन साथ ही कहा कि उनके शब्द हमेशा संतुलित और सुविचारित होते हैं, ऐसे में इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग आश्चर्यजनक है, हालांकि यह शब्द केवल कट्टरपंथी मुस्लिमों के लिए ही इस्तेमाल होता हो, ऐसा नहीं है।
संस्था के अध्यक्ष डॉ. सिराज कुरैशी, उपाध्यक्ष विशाल शर्मा, महासचिव विजय उपाध्याय, सचिव ज़ियाउद्दीन और अन्य पदाधिकारियों ने प्रयागराज में कुंभ स्नान और दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जाए।