हर साल की तरह, इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अजमेर शरीफ दरगाह पर ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स के अवसर पर चादरपोशी की जाएगी। यह खबर उत्साहजनक है, खासकर उन लोगों के लिए जो हाल के विवादों के कारण चादरपोशी को लेकर शंकित थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस परंपरा को जारी रखते हुए सामाजिक सौहार्द का परिचय दिया है। उनकी इस पहल पर हिंदुस्तानी बिरादरी संस्था के अध्यक्ष और भारत सरकार द्वारा कबीर पुरस्कार से सम्मानित डॉ. सिराज कुरैशी ने उन्हें बधाई दी। डॉ. कुरैशी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस निर्णय की सराहना की और इसे देश की सामाजिक एकता और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बताया।
डॉ. कुरैशी ने कहा, “हमारे हिंदुस्तान में हर जाति, धर्म और समुदाय के लोग मिलजुलकर रहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल चादरपोशी की परंपरा को कायम रखा, बल्कि प्रयागराज के कुंभ मेले जैसे आयोजनों को भी प्राथमिकता दी है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री और प्रशासन को अजमेर शरीफ के उर्स को सौहार्दपूर्ण और भाईचारे के माहौल में आयोजित कराने के निर्देश भी दिए हैं। इन कदमों के चलते दुनिया भारत के प्रधानमंत्री की प्रशंसा करती है। डॉ. कुरैशी ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत जल्द ही “विश्व गुरु” बनने की ओर अग्रसर होगा।
हिंदुस्तानी बिरादरी के उपाध्यक्ष विशाल शर्मा और सचिव जियाउद्दीन ने भी प्रधानमंत्री की इस पहल को सराहा। उन्होंने पाकिस्तान की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा, “पाकिस्तान में केवल मुस्लिम समुदाय की बहुलता है, फिर भी वहां की सरकार इस एक वर्ग को संभालने में असमर्थ है। इसके विपरीत, भारत में हर धर्म और समुदाय के लोग मिलकर सांप्रदायिक एकता की मिसाल पेश करते हैं।”
आगरा, जिसे सुलहकुल की नगरी कहा जाता है, इसका एक उदाहरण है। यहां के ऐतिहासिक स्मारक जैसे ताजमहल दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। विदेशी पर्यटक जब यहां की सांप्रदायिक एकता और आपसी भाईचारे की प्रशंसा करते हैं, तो यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात होती है।
प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल से देशवासियों में सामाजिक एकता और भाईचारे की भावना को और मजबूती मिलेगी। यह कदम भारत की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण प्रयास है।