आगरा पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई में नकली नोट छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। छापेमारी नगला लाले गांव में की गई, जहां से नकली नोट छापने की मशीनें और अन्य सामग्रियां बरामद की गईं। इस गिरोह का तीसरा सदस्य फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है।
कैसे हुआ मामला उजागर
इंस्पेक्टर विजय विक्रम सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने गुप्त सूचना पर कार्रवाई की। नगला लाले गांव के सुभाष के घर में नकली नोट छापने की खबर पर छापेमारी की गई। यहां से तेजेन्द्र उर्फ काका (मूल निवासी मंगोलपुरी, नई दिल्ली) और सुभाष (निवासी नगला लाले) को गिरफ्तार किया गया। तीसरा आरोपी बिट्टू (निवासी फिरोजाबाद) मौके से फरार हो गया।
कैसे करते थे नकली नोट तैयार?
इंस्पेक्टर विजय विक्रम सिंह ने बताया कि आरोपी नकली नोट बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते थे।
- स्कैनिंग और फोटोशॉप: असली नोट को स्कैन कर उसकी छवि फोटोशॉप में एडिट की जाती थी। सीरियल नंबर मिटाने के बाद नए सीरियल नंबर को कोरल ड्रॉ ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर की मदद से डिजाइन किया जाता था।
- स्टाम्प पेपर का उपयोग: 10 रुपये के स्टाम्प पेपर पर नकली नोट प्रिंट किए जाते थे।
- वाटरमार्क और एम्बोजिंग: महात्मा गांधी वाटरमार्क और सिक्योरिटी ग्रेड के लिए ट्रेसिंग पेपर और हीट एम्बोजिंग मशीन का उपयोग किया जाता था।
- कटिंग और वितरण: नोट की कटिंग के बाद इन्हें फिरोजाबाद के ग्रामीण इलाकों में चलाने के लिए बिट्टू के माध्यम से भेजा जाता था।
गिरफ्तारी और बरामदगी
पुलिस ने आरोपियों के पास से सात हजार रुपये के नकली नोट, दो मोबाइल, एक लैपटॉप, प्रिंटर, स्कैनर, हीट एम्बोजिंग मशीन, वाटरमार्क सेटअप, रसायन और अन्य उपकरण बरामद किए।
यूट्यूब से सीखी नकली नोट बनाने की कला
पूछताछ में पता चला कि गिरोह के सदस्यों ने नकली नोट छापने की तकनीक यूट्यूब से सीखी थी। आरोपी इस काम में इतने निपुण हो गए थे कि उनके बनाए नकली नोट असली नोटों से मिलते-जुलते थे।
अधिकारियों की टिप्पणी
इंस्पेक्टर विजय विक्रम सिंह ने कहा, “तेजेन्द्र और सुभाष को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। बिट्टू की तलाश जारी है। यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और नकली नोट ग्रामीण क्षेत्रों में चलाने की योजना बना रहा था।”
विशेषज्ञों की राय
आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चैंबर के अध्यक्ष प्रह्लाद अग्रवाल ने इस घटना को गंभीर करार देते हुए कहा, “नकली नोटों का प्रसार न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाता है, बल्कि आम जनता के विश्वास को भी ठेस पहुंचाता है। पुलिस की यह कार्रवाई सराहनीय है।”
पुलिस अब फरार आरोपी बिट्टू की गिरफ्तारी और गिरोह के अन्य सदस्यों के संभावित नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है।