मथुरा ज़िले के फरह क्षेत्र के परखम गांव में रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ पदाधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में संगठन के सदस्यों को निर्देश दिए गए कि अब समय आ गया है जब आरएसएस को समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे, साथ ही स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने पर भी ज़ोर देना होगा।

इस अवसर पर आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक दीपक बिस्पुटे ने करीब तीन हज़ार स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा, “समाज को संगठित करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। असंगठित समाज अत्याचार को निमंत्रण देता है, इसलिए हमें एकजुट होकर समाज को सशक्त बनाना होगा।उन्होंने स्वदेशी वस्त्र और उत्पादों को अपनाने के साथसाथ नागरिक कर्तव्यों और पर्यावरणीय चुनौतियों जैसे ग्लोबल वार्मिंग पर भी ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए।

दीपक बिस्पुटे ने अपने संबोधन में कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे परिवारों में अच्छे संस्कार स्थापित हों, क्योंकि संस्कार से ही परिवार और समाज का उत्थान संभव है।उन्होंने ज़ोर दिया कि समाज को स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग निजी जीवन में भी करना चाहिए, ताकि दूसरे भी इससे प्रेरित हों। बिस्पुटे ने कहा, “कृष्ण की नगरी से यह संदेश पूरे देश में फैलना चाहिए कि आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाना आज की आवश्यकता है।

इस कार्यक्रम में आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी स्वयंसेवकों को दिशानिर्देशदिए।मोहनभागवतनेकहाकिअगलेदशहरेतकआरएसएसकागणवेशपहनेस्वयंसेवकदेशकेहरगांवमेंदिखनेचाहिए।

आरएसएस का उद्देश्य है कि अगले कुछ महीनों में देश के प्रत्येक गांव में संगठन की शाखाएं स्थापित हों। इसी लक्ष्य को साधने के लिए 26 अक्टूबर को दीनदयाल गोविज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र में आरएसएस की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें देशभर से 400 से अधिक पदाधिकारी भाग लेंगे। इस बैठक में यह तय किया जाएगा कि कैसे प्रत्येक गांव में आरएसएस की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।

सूत्रों के अनुसार, संघ इस अभियान के माध्यम से सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना चाहता है, जिसमें विभिन्न जाति और धर्म के लोगों को एक साथ लाने का प्रयास किया जाएगा। विशेष रूप से मुस्लिम बहुल इलाकों में भी संघ की शाखाएं स्थापित करने का संकल्प लिया गया है, ताकि संगठन की शताब्दी वर्ष का लक्ष्य पूरा हो सके।

मथुरा में आरएसएस की इस गतिविधि से संकेत मिलता है कि राम मंदिर के निर्माण के बाद संघ अब भगवान श्री कृष्ण से जुड़े संदेश को भी देशभर में फैलाना चाहता है।

S Qureshi

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