माँ-बाप के आपसी विवाद से टूट गई औलाद, सिकंदरा में दिल दहलाने वाली घटना
थाना सिकंदरा क्षेत्र के रुनकता में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहाँ 11वीं कक्षा के छात्र पारस ने करवा चौथ के दिन आत्महत्या कर ली। पारस की माँ शकुंतला, जो पति से नाराज होकर लगभग डेढ़ साल से मायके में रह रही थी, ने अपने बेटे की करवा चौथ पर घर लौटने की विनती को ठुकरा दिया, जिससे व्यथित होकर पारस ने यह कठोर कदम उठाया।
परिवार के अनुसार, पिता मनोज कुमार शुक्ला, जो एक बेयरिंग फैक्ट्री में काम करते हैं, अपने 18 वर्षीय इकलौते बेटे पारस के साथ घर पर रहते थे। पारस पिछले कुछ समय से अपनी माँ की अनुपस्थिति और उससे बातचीत न होने के कारण अवसाद में था। उसने कई बार अपनी माँ से बात करने और घर लौटने की गुहार लगाई थी, लेकिन उसकी माँ ने उसे नज़रअंदाज़ कर दिया।
घटना के दिन, शाम को पारस ने अपने पिता के साथ खाना खाया और अपनी माँ से एक बार फिर करवा चौथ पर घर लौटने की प्रार्थना की, परन्तु उसकी माँ ने फिर से इनकार कर दिया। इसके बाद पारस अपने कमरे में गया और पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। जब उसके पिता घर लौटे तो उन्होंने अपने बेटे को लटका हुआ देखा और शोर मचाया। पड़ोसियों की मदद से पारस को फंदे से उतारकर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पोस्टमॉर्टम के बाद पारस का शव घर लाया गया, लेकिन माँ शकुंतला अपने बेटे का अंतिम दर्शन करने भी नहीं आई। इस पर घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने आश्चर्य व्यक्त किया। सीनियर सिटीजन भगवान स्वरूप ने कहा, “माँ ऐसी होती है जो औलाद की विनती पर पिघल जाती है, लेकिन शकुंतला ने बेटे का आखिरी चेहरा भी नहीं देखा, यह बेहद दर्दनाक है।”
इस घटना ने पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है, और लोगों में यह सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर माँ-बाप के आपसी झगड़ों की कीमत बच्चों को क्यों चुकानी पड़ती है।
Disclaimer:
If you or someone you know is struggling with thoughts of suicide or self-harm, remember that help is available. Suicide is never the answer, and there is always someone ready to listen and support you. Reaching out for help is a courageous step toward healing. You do not have to face this alone.
There are numerous resources that offer confidential support 24/7, such as trained counselors, helplines, and mental health professionals. Take a moment to connect with them and share what you’re going through. Your life matters, and there are people who care and want to help you navigate this difficult time.
For immediate help, you can visit the Suicide Prevention India Foundation here or call NIMHANS suicide prevention helpline at 80461 10007. In case of emergencies, please reach out to your local emergency services or a trusted individual.
Remeber! You are not alone, and help is just a call or message away.
अस्वीकरण:
यदि आप या आपका कोई परिचित आत्महत्या या आत्म–नुकसान के विचारों से जूझ रहा है, तो कृपया याद रखें कि मदद हमेशा उपलब्ध है। आत्महत्या कभी समाधान नहीं है, और हमेशा कोई न कोई आपकी बात सुनने और सहायता करने के लिए तैयार है। सहायता लेना एक साहसिक कदम है, और आप इसे अकेले नहीं लड़ना है।
कई संसाधन हैं जो आपको गोपनीय सहायता प्रदान करते हैं, जैसे प्रशिक्षित परामर्शदाता, हेल्पलाइन, और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ। कृपया उनके संपर्क में आएं और अपनी स्थिति को साझा करें। आपका जीवन महत्वपूर्ण है, और ऐसे लोग हैं जो आपकी परवाह करते हैं और इस कठिन समय में आपका साथ देने के लिए तत्पर हैं।
तत्काल सहायता के लिए, आप सुसाइड प्रिवेंशन इंडिया फाउंडेशन की वेबसाइट यहां देख सकते हैं या आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन पर 80461 10007 पर कॉल कर सकते हैं। आपातकाल की स्थिति में, कृपया अपने स्थानीय आपातकालीन सेवाओं या किसी विश्वसनीय व्यक्ति से संपर्क करें।
याद रखें! आप अकेले नहीं हैं, मदद बस एक कॉल या संदेश की दूरी पर है।