ताज नगरी आगरा में नकली और नशीली दवाओं के बड़े कारोबार का खुलासा हुआ है। जेल से रिहा होकर फिर से सक्रिय हुए दवा माफिया विजय गोयल ने एक बार फिर से सिकंदरा के औद्योगिक क्षेत्र में नकली दवाओं की फैक्ट्री खोल रखी थी। मंगलवार को एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) और स्थानीय पुलिस ने छापा मारकर इस फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने मौके से 8 करोड़ रुपये से अधिक की नकली और नशीली दवाएं, साथ ही 4 करोड़ रुपये की मशीनें जब्त कीं। इस मामले में विजय गोयल, उसके मैनेजर नरेंद्र शर्मा सहित कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
कैसे हुआ फैक्ट्री का खुलासा
एएनटीएफ के सीओ इरफान नासिर ने जानकारी दी कि उनकी टीम लगातार नारकोटिक्स के मामलों में जेल गए आरोपियों की निगरानी करती है। इसी क्रम में जब विजय गोयल की गतिविधियों की जांच की गई, तो पता चला कि वह हिमाचल प्रदेश से बार-बार यात्रा कर रहा था और खुलकर खर्च कर रहा था। इसके बाद टीम ने उसकी गतिविधियों पर पैनी नजर रखी और सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र में एक फैक्ट्री खोलने की सूचना पाई।
मंगलवार को फैक्ट्री पर छापा मारा गया तो देखा कि वहां बड़े पैमाने पर नकली और नशीली दवाओं का उत्पादन हो रहा था। फैक्ट्री में अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग किया जा रहा था, जिनसे दवाओं की पैकिंग की जा रही थी। मौके पर मौजूद 8 करोड़ रुपये से अधिक की दवाएं और 4 करोड़ रुपये की मशीनें जब्त की गईं।
पहले भी हो चुका है बड़ा खुलासा
विजय गोयल के नाम पर पहले भी नकली दवाओं की फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ हो चुका है। जुलाई 2023 में एएनटीएफ ने सिकंदरा और बिचपुरी क्षेत्रों में उसकी फैक्ट्रियों पर छापा मारा था, जहां से नकली और नशीली दवाएं जब्त की गई थीं। उस समय विजय गोयल, नरेंद्र शर्मा सहित सात लोगों को जेल भेजा गया था।
कैसे चल रहा था कारोबार
फैक्ट्री के प्रबंधन का जिम्मा नरेंद्र शर्मा देख रहा था, जो दवाओं के उत्पादन और पैकिंग का काम संभालता था। अशोक कुशवाह नामक व्यक्ति को श्रमिकों की व्यवस्था और काम कराने की जिम्मेदारी दी गई थी। तैयार दवाओं को दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में भेजा जा रहा था। इन दवाओं की बिक्री के बाद हवाला के माध्यम से लेनदेन किया जाता था। विजय गोयल खुद दवाओं के वितरण और बाजार में बिक्री की देखरेख करता था।
नकली दवाओं का नेटवर्क फैला पूरे देश में
पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह नकली दवाओं के उत्पादन के लिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश से कच्चा माल और मशीनरी लाता था। विजय गोयल और उसका गिरोह विभिन्न राज्यों में इन दवाओं को सप्लाई करते थे। फैक्ट्री के संचालन, स्टाफ और गोदाम को हर छह महीने में बदल दिया जाता था ताकि पुलिस की नजर से बचा जा सके।
गिरफ्तार किए गए आरोपी
पुलिस ने फैक्ट्री से विजय गोयल, नरेंद्र शर्मा, अमित पाठक, अशोक कुशवाह, शिव कुमार कुशवाह, आलोक कुशवाह, रविकांत और जितेंद्र कुशवाह को गिरफ्तार किया है। इनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट और आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
पूर्व घटनाएं
आगरा में नकली दवा बनाने का कारोबार कोई नई बात नहीं है। पिछले कुछ सालों में यहां कई बार ऐसे रैकेट का खुलासा हो चुका है। 2020 में भी एएनटीएफ ने एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया था, जो नकली एंटीबायोटिक दवाओं का निर्माण कर रहा था। 2021 में शमशाबाद रोड पर एक और फैक्ट्री पकड़ी गई थी, जो सस्ती दवाओं के नाम पर नकली सामग्री बेच रही थी। इस तरह के मामलों में आए-दिन दवा के थोक बाज़ार में पड़ने वाले छापों के कारण आगरा बार-बार सुर्खियों में आता रहा है, जिससे इस शहर की नकली दवाओं के एक प्रमुख केंद्र की छवि बन गई है।