मंगलवार को डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का 90वां दीक्षांत समारोह खंदारी स्थित स्वामी विवेकानंद परिसर के छत्रपति शिवाजी मंडपम में धूमधाम से आयोजित किया गया। इस समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं, जिन्होंने समारोह में शिरकत कर छात्रों को सामाजिक जिम्मेदारी निभाने की प्रेरणा दी।
117 मेडल और 60,212 छात्रों को डिग्रियां
कुलपति प्रो. आशु रानी ने समारोह में जानकारी दी कि 2023-24 सत्र के 60,212 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गई हैं। इनमें 31,045 छात्र और 29,117 छात्राएं शामिल हैं। साथ ही, 117 मेडल भी प्रदान किए गए, जिनमें से 18 मेडल छात्रों को और 99 मेडल छात्राओं को दिए गए। एसएन मेडिकल कॉलेज की छात्रा डॉ. अर्पिता चौरसिया ने सबसे अधिक आठ पदक प्राप्त किए।
गोल्डन गर्ल की देर से उपस्थिति
एसएन मेडिकल कॉलेज की ‘गोल्डन गर्ल’ डॉ. अर्पिता चौरसिया, जो सबसे अधिक मेडल प्राप्त करने वाली छात्रा रहीं, समारोह में अपनी ट्रेन के लेट होने की वजह से देरी से पहुंचीं। उन्होंने बताया कि वह अपने माता-पिता के साथ बांदा से महाकौशल एक्सप्रेस द्वारा आ रही थीं, लेकिन ट्रेन के विलंब के कारण समय पर पहुंचना संभव नहीं हो पाया। हालांकि, समारोह समाप्त होने से पहले उन्हें सम्मानित कर आठ मेडल प्रदान किए गए।
राज्यपाल ने दी सामाजिक संदेश
समारोह में अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने छात्रों को संदेश दिया कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में आगे बढ़ें। उन्होंने दहेज प्रथा का विरोध करते हुए सभी मेडल विजेताओं से कहा कि वे अपने घर जाकर अपनी मां के गले में मेडल पहनाएं और उनके नाम से एक पेड़ लगाएं। राज्यपाल ने यह भी कहा कि छात्रों को दहेज न लेने और न देने का संकल्प लेना चाहिए।
उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी मंच पर सम्मानित किया और उनके केंद्रों के लिए उपहार भेंट किए। इसके साथ ही राज्यपाल ने खेलो इंडिया के विजेता छात्रों से भी मुलाकात की और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाईं।
मुख्य वक्ता अनिल सहस्त्रबुद्ध का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर जोर
दीक्षांत समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में अनिल सहस्त्रबुद्ध ने हिस्सा लिया। उन्होंने छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इसमें युवाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि एआई सिर्फ उतना ही सक्षम होगा जितना उसे मानव द्वारा सिखाया जाएगा। साथ ही, देशभर में एआई के तीन प्रमुख केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें कृषि के लिए रोपण केंद्र, स्वास्थ्य के लिए एम्स दिल्ली, और स्मार्ट सिटी के लिए आईआईटी कानपुर शामिल हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय से इन केंद्रों के साथ जुड़कर काम करने की अपील की।
बीटेक में छात्राओं की भागीदारी
अनिल सहस्त्रबुद्ध ने इस बात पर खुशी जताई कि इस वर्ष दिए गए 118 मेडल में से 99 मेडल छात्राओं को मिले हैं। उन्होंने कहा कि बीते समय में बीटेक में छात्राओं की भागीदारी बहुत कम होती थी, लेकिन अब 60% से अधिक छात्राएं इस कोर्स में नामांकित हो रही हैं। यह उच्च शिक्षा और समाज में एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है।
छात्रों से उच्च शिक्षा मंत्री की अपील
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने भी समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्हें समाज के लिए रोल मॉडल बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि डिग्री और मेडल प्राप्त करना सिर्फ एक उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह एक जिम्मेदारी भी है। छात्रों से आग्रह किया गया कि वे अपने ज्ञान का उपयोग समाज में सुधार और कुरीतियों को मिटाने के लिए करें।
विरोध प्रदर्शन और सुरक्षा व्यवस्था
इस बीच, समाजवादी छात्र सभा और एनएसयूआई के छात्र नेता विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की बहाली की मांग को लेकर कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। समारोह के दिन भी उन्होंने विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई थी, लेकिन डीसीपी सूरज राय ने बताया कि 34 लोगों को नोटिस जारी कर पाबंद किया गया है।
समाजवादी छात्र सभा के जिलाध्यक्ष पंकज कसाना ने कहा कि राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की कोशिश के दौरान पुलिस ने उन्हें नजरबंद कर दिया। आंदोलनकारियों ने “हमारी मांगें पूरी करो, छात्र संघ चुनाव बहाल करो” के नारे लगाए।
समारोह के साथ-साथ, विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।