प्राप्त हुयी सूचना के क्रम में केन्द्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र मेल द्वारा भेजकर अधिवक्ता जैन ने कहा कि वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक कई लोगों की प्लेटफॉर्म पर होने वाली ट्रेन दुर्घटनाओं में मौके पर मौत हो रही है। ऐसा होना यह सवाल उठाता है कि क्या रेलवे प्लेटफॉर्म सुरक्षित है? हाल ही में हुई एक डाक्टर की मौत ने भी दिखाया कि यात्रा करने वालों के लिए प्लेटफॉर्म सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। पत्र में उल्लेख किया कि वर्ष 2019 में 6 व्यक्तियों की, 2020 में 3 व्यक्तियों की, वर्ष 2022 में 4 व्यक्तियों की और वर्ष 2023 में 6 व्यक्तियों की मौत प्लेटफॉर्म पर रेल दुर्घटना के कारण हो गयी जिससे यह स्पष्ट है कि राजा की मण्डी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म असुरक्षित हैं।
वर्षवार |
मृत व्यक्तियों की संख्या |
2019 |
06 |
2020 |
03 |
2021 |
00 |
2022 |
04 |
2023 |
06 |
|
पत्र में यह भी मांग की कि एक उच्च स्तरीय समिति की नियुक्ति की जाये, जो राजा की मण्डी रेलवे स्टेशन की सुरक्षा का पूरा ऑडिट कर सके जिससे यह बात निकल कर आ सकेगी कि राजा की मण्डी रेलवे स्टेशन पर कौन-कौन सी तकनीकी समस्याएं हैं और उन्हें कैसे सुधारा जा सकता है। सुरक्षा ऑडिट और उसकी सिफारिशें पब्लिक डोमेन में होनी चाहिए ताकि सभी लोग इसके बारे में जान सकें और उसमें योजना बना सकें। जो भी योजना बने उसके विषय में जन प्रतिक्रियाऐं भी आमंत्रित कर ली जायें ताकि बनायी जाने वाली योजना जन अपेक्षाओं के अनुरूप हो। लियेे जाने वाले कदमों के सम्बन्ध में भी अवगत कराने की मांग की गयी है।
अधिवक्ता जैन ने कहा कि रेलवे स्टेशन एक सुरक्षित स्थान होना चाहिए और जिस प्रकार से डॉ0 लाखन सिंह गालब की मृत्यु रेल हादसे में प्लेटफॉर्म पर दिनांक 5 नवम्बर 2023 को हुयी वह अत्यन्त दुखद थी और इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रेेलवे स्टेशन पर नहीं होनी चाहिए। पर्यटन नगरी आगरा में ऐसे हादसे नहीं होने चाहिए क्योंकि अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर भी ऐसे हादसों का गलत संदेश जाता है।