देश के कई भागों में हुए ट्रेन हादसों में कई दर्जन लोग मौत की नींद सो चुके हैं लेकिन फिर भी आज तक ट्रेनों के हादसों को रोकने के उचित प्रबंध नहीं किए जा रहे हैं, केवल जाँच शुरू कर दी जाती है। उन जाँचों की क्या रिपोर्ट हाईकमान को प्रेषित की गई और उसका क्या परिणाम निकला, यह आज तक जनता के सामने नहीं आया है।
ऐसा ही हादसा मंगलवार रात आगरा रेल मण्डल के मथुरा रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला जब रात 10:55 बजे शकूर बस्ती – मथुरा EMU ट्रेन का इंजन प्लेटफार्म #2 के स्टॉपर तो तोड़ता हुआ प्लेटफार्म पर ही चढ़ गया।
ग़नीमत यह रही कि उस समय प्लेटफार्म #2 पर ज़्यादा भीड़ नहीं थी इसलिए इंजन की चपेट में कोई नहीं आया, केवल एक व्यक्ति को हल्की चोट लगी। हादसे की जानकारी होते ही मथुरा रेलवे स्टेशन पर अफ़रा तफ़री मच गई। हादसे में OHE वायर टूटने की वजह से कई गाड़ियों के प्लेटफार्म में बदलाव करना पड़ा।
ट्रेन में सवार यात्रियों ने बताया कि ट्रेन अपने निर्धारित समय शकुर बस्ती से चलकर मथुरा जंक्शन के प्लेटफार्म #2 के दिल्ली एंड पर पहुँची थी। यात्रियों को उतारने के लिए ट्रेन को ड्राइवर ने निर्धारित स्थान पर ही रोका। कुछ ही समय में ट्रेन की सभी बोगियों भी ख़ाली हो गईं। इसके बाद ड्राइवर ने ट्रेन को पार्क करने के लिए आगे बढ़ाया लेकिन अचानक ट्रेन ने रफ़्तार पकड़ ली और स्टॉपर को तोड़ते हुए प्लेटफार्म पर ही चढ़ गई। वहाँ खड़े यात्री ट्रेन को अपनी ओर आते देख कर वहाँ से भाग खड़े हुए और अपनी जान बचाई।
रेलवे स्टेशन डायरेक्टर एस के भार्गव ने बताया कि इस गंभीर हादसे की जाँच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
इस हादसे से दिल्ली-आगरा रूट की मालवा सुपर फ़ास्ट, अमृतसर-बांद्रा, दक्षिण एक्सप्रेस जैसी लगभग 6 ट्रेन प्रभावित हुईं, जिनको प्लेटफार्म बदल कर रवाना किया गया।
एक यात्री ने बताया कि एक मासूम बच्चा जो कि स्टॉपर के पास ही खड़ा था, वह इंजन के नीचे आ गया था, हालाँकि यह भगवान कि लीला रही कि वह बच्चा किसी तरह इंजन के नीचे से सकुशल निकाल लिया गया। हादसे की जानकारी मिलते ही आरपीएफ़ और जीआरपी की टीमें रेलवे स्टेशन पर पहुँच गईं।
एक अधिकारी का कहना था कि अगर ट्रेन के आगे OHE का बड़ा खंभा नहीं आया होता तो ट्रेन शायद इतनी जल्दी नहीं थमती और यह हादसा कहीं अधिक बड़ा हो जाता। फ़िलहाल जाँच जारी है और ट्रेन के आगे लगा सीसीटीवी कैमरा और डीवीआर सुरक्षित निकर लिया गया है, जिससे हादसे के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सकेगी। जाँच के दायरे में लोको पायलट और उसके सहयोगी के अलावा शंटिंग स्टाफ़ और स्टेशन के ऑपरेटिंग स्टाफ़ को भी लाया जा सकता है।