Senior Satsang Sabha office bearers were wearing masks while coordinating the armed protest

journalists-attacked-by-satsangis-in-agra.jpeg24 सितम्बर को आगरा ने एक ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना होते देखी, जिसने मथुरा में हुए जवाहरबाग कांड की याद दिला दी।

राधास्वामी सत्संग सभा, दयालबाग द्वारा सरकारी भूमि पर किए गये तथाकथित क़ब्ज़े को ख़ाली कराने पहुँची पुलिस की टीम पर सत्संग समर्थकों द्वारा कथित तौर पर किए गए ज़बर्दस्त पथराव में एक एसएचओ, एक पुलिस उपनिरीक्षक समेत कई पुलिसवाले, और पत्रकार घायल हो गये। सत्संग पक्ष के कई लोगों को भी पुलिस द्वारा की गई जवाबी कार्यवाही में चोटें आई हैं।

आरोप है कि सत्संग सभा द्वारा महिलाओं और बच्चों को आगे करके उनके पीछे से पुलिस और पत्रकारों पर पथराव किया गया, और गलवान घाटी में चीनी सेना द्वारा भारतीय सेना के जवानों के ख़िलाफ़ प्रयोग में लाये गये कील लगे डंडे भी इस्तेमाल किए, जिनसे पुलिसकर्मियों को काफ़ी घातक चोटें आई हैं।

agra-police-attacked-by-satsangis-in-agraहालाँकि सत्संग सभा द्वारा इन सभी आरोपों से इनकार किया गया है और उल्टा पुलिस पर ही शांतिपूर्ण विरोध कर रहे महिलाओं और बच्चों पर लाठीचार्ज करने का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि आगरा प्रशासन कुछ बिल्डरों के इशारे पर सत्संग सभा की बेशक़ीमती भूमि हथिया कर वहाँ बहुमंज़िली इमारतों के लिए जगह ख़ाली कराना चाहता है।

फ़िलहाल, पुलिस पर हुए हमले को देखते हुए आगरा प्रशासन ने सत्संगियों के ख़िलाफ़ थाना न्यू आगरा में एफ़आईआर दर्ज कर उन पर कार्यवाही शुरू कर दी है। साथ ही सरकारी संपत्ति पर अवैध क़ब्ज़े के लिए सत्संग सभा को लगभग 100 करोड़ रुपये का जुर्माना अदा करने का भी नोटिस थमा दिया है।

पुलिस और सत्संगियों के बीच हुए इस खूनी संघर्ष के पीछे लगभग चार महीने से चला आ रहा सत्संग सभा द्वारा यमुना के डूब क्षेत्र में किए जा रहे अतिक्रमण का विवाद है। इस अतिक्रमण पर आगरा प्रशासन द्वारा सत्संग सभा को कई नोटिस दिये गये लेकिन सत्संग सभा द्वारा उन सभी नोटिसों को नज़रअंदाज़ कर दिया गया।

पिछले दिनों जब नोटिस की अवधि पूरी हुई तो प्रशासन ने डूब क्षेत्र में हुए अतिक्रमण के अलावा सत्संग सभा द्वारा किए गये अन्य निर्माणों की भी जाँच की, तो पाया कि सत्संग सभा द्वारा तमाम सार्वजनिक रास्तों, नहर और अन्य सरकारी भूमि पर अवैध क़ब्ज़ा किया गया है।

इस क़ब्ज़े को ख़ाली करने के लिए सत्संग सभा को एक हफ़्ते का समय दिया गया लेकिन क़ब्ज़े ख़ाली करने की बजाय सत्संग सभा ने वहाँ ऊँची कांटेदार तारों की बाड़ें खाड़ी कर दीं।

नोटिस की अवधि समाप्त होते ही शनिवार सुबह प्रशासन द्वारा अचानक ही विवादित क्षेत्र पर भारी पुलिस बल के साथ धावा बोल दिया गया और एक तथाकथित क़ब्ज़े वाली जगह पर खड़ी बाउंड्री और गेट को तोड़ दिया गया। ध्वस्तीकरण की कारवाही कर पुलिस वापस चली गई लेकिन सत्संगियों द्वारा गेट दोबारा खड़ा कर लिया गया। सूचना मिलते ही दोपहर को पुलिस फिर वहाँ आई और गेट को ध्वस्त कर अपने साथ ले गई।

Senior Satsang Sabha office bearers were wearing masks while coordinating the armed protest

लेकिन सत्संगी रुके नहीं। उन्होंने पुलिस द्वारा गेट तोड़कर खोले गये सार्वजनिक रास्ते को पहले से कहीं मज़बूत गेट लगाकर फिर बंद कर दिया और साथ ही वहाँ से गुज़र रहे एक छात्र को भी पीट दिया। इस घटना के बाद शहर में आक्रोश फैल गया और लोग आगरा प्रशासन की कार्यवाही पर प्रश्नचिन्ह लगाने लगे।

रविवार सुबह एक बार फिर आगरा प्रशासन के आला अधिकारी और पुलिस मौक़े पर पहुँच गये और गेट को ध्वस्त करने के लिए बढ़े, लेकिन उनका सामना हुआ फ़ौजी कैमोफ़्लेज वाली वर्दी पहने हुई सत्संग सभा की महिला स्वयंसेविकाओं से। जैसा कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में साफ़ है, ‘राधास्वामी’ के नारों के साथ लाठियाँ भांजती इन महिला स्वयंसेविकाओं ने सत्संग सभा के किसी उच्च पदाधिकारी के इशारे पर गेट की ओर आने वाले पुलिस बल को वापस धकियाना शुरू कर दिया। कई बार समझाने के बाद भी जब वे नहीं रुकीं तो पुलिस ने लाठी फटकारनी शुरू कर दी, जिससे वे तितर-बितर हो गईं।

Senior Satsang Sabha office bearers were wearing masks while coordinating the armed protest

प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस का आरोप है कि इसके तुरंत बाद सत्संगियों की ओर से ज़बर्दस्त पथराव शुरू हो गया, जिसमें शनिवार को ध्वस्त की गई दीवार की ईंटें ही इस्तेमाल हुईं। इस पथराव से कई पुलिसकर्मी और पत्रकार घायल हो गये और उसके बाद हुए लाठीचार्ज में सत्संग सभा की ओर से भी कई अनुयायी घायल हुए। पुलिसकर्मियों ने कई सत्संगियों से वैसे ही कील लगे डंडे भी बरामद किए जैसे चीनी सेना इस्तेमाल करती है।

सत्संगियों द्वारा की गई हिंसा के बाद पुलिस बैकफ़ुट पर आ गई और अपने घायल अधिकारियों और जवानों के साथ वहाँ से वापस लौट गई।

आगरा ज़िलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी का कहना है कि जो भी कार्यवाही हुई है, वह पूरी तरह न्यायसंगत तरीक़े से की गई है। सत्संग सभा को अतिक्रमण हटाने के लिए कई बार नोटिस दिये गये थे लेकिन उसके द्वारा अतिक्रमण नहीं हटाये गये, जिसके कारण प्रशासन को यह काम करना पड़ा।

सत्संग सभा को फ़िलहाल एक दिन का समय दिया गया है विवादित भूमि पर अपना स्वामित्व साबित करने के लिए। अगर सत्संग सभा अपना स्वामित्व साबित न कर पाई तो अतिक्रमण हटाने के लिए दोबारा कार्यवाही की जाएगी और इसमें बाधा बनने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

आगरा के उत्तरी छोर पर यमुना किनारे स्थित दयालबाग़ शहर के सबसे स्वच्छ इलाक़ों में से जाना जाता है। लगभग 113 वर्ष पहले स्थापित राधास्वामी सत्संग सभा, दयालबाग़ न सिर्फ़ समूचे उत्तर भारत में प्रतिष्ठित दयालबाग़ डीम्ड यूनिवर्सिटी चलाती है, बल्कि यहाँ धार्मिक क्रियाकलापों के साथ साथ खेती, बैंकिंग, सुरक्षा, डाक, ख़रीद-फ़रोख़्त आदि को भी अपने ही हाथों में रखती है।

Vishal Sharma
Vishal Sharma

Vishal is a technology enthusiast with journalistic leanings. He was one of the first bloggers in India, coming online in 1994, even before the internet was available on a widespread basis in India. Vishal is a cybersecurity consultant working as an independent contractor for Google. A journalist with a career spanning over 20 years, he has worked for several national English dailies including The Pioneer, Indian Express, Business Standard, and more. He has also worked for Indo-American Times, and India Monthly magazine, based in the United States of America. Besides being on the editorial board of Vijayupadhyay.com, he also publishes Indian Talent Magazine, an internationally acclaimed talent promotion publication. He has extensive experience in corporate branding, online publishing, and advertising. He started Vikirna Mediatek in 2018 with a vision to bring affordable technology solutions to the common masses of an India which is fast becoming Digital, walking on the path that was heralded by the late Prime Minister of India Rajiv Gandhi and forwarded by the current Prime Minister Narendra Modi.

By Vishal Sharma

Vishal is a technology enthusiast with journalistic leanings. He was one of the first bloggers in India, coming online in 1994, even before the internet was available on a widespread basis in India. Vishal is a cybersecurity consultant working as an independent contractor for Google. A journalist with a career spanning over 20 years, he has worked for several national English dailies including The Pioneer, Indian Express, Business Standard, and more. He has also worked for Indo-American Times, and India Monthly magazine, based in the United States of America. Besides being on the editorial board of Vijayupadhyay.com, he also publishes Indian Talent Magazine, an internationally acclaimed talent promotion publication. He has extensive experience in corporate branding, online publishing, and advertising. He started Vikirna Mediatek in 2018 with a vision to bring affordable technology solutions to the common masses of an India which is fast becoming Digital, walking on the path that was heralded by the late Prime Minister of India Rajiv Gandhi and forwarded by the current Prime Minister Narendra Modi.