यूं तो आगरा के निवासियों ने कई संवेदनशील अवसरों पर सांप्रदायिक एकता की मिसाल कायम कर पूरे देश को सुलहकुल का सन्देश दिया है, लेकिन आगरा प्रशासन ऐसे मामलों में कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहता जिसमें दो समुदाय आमने-सामने आ जाएँ। ऐसे समय में एक हल्की सी चिंगारी भी शहर को जला सकती है और फिलहाल देश के माहौल को देखते हुए भी प्रशासन अतिरिक्त सावधानी बरत रहा है।
इस साल बारावफात और अनंत चतुर्दशी के पवित्र त्यौहार 28 सितम्बर को एक साथ पड़ रहे हैं, जिसने आगरा प्रशासन की नींद हराम कर दी है। जहाँ बारावफ़ात पर सुबह से मुस्लिम वर्ग के घरों और मस्जिदों में रौनक दिखाई देती है और शाही जामा मस्जिद से छोटे-बड़े लगभग एक दर्जन मुहम्मदी जुलूस मंटोला से होकर गुज़रते हैं, वहीं उसी दिन अनंत चतुर्दशी भी होने के कारण पूरे शहर में गणपति विसर्जन की धूम होगी, और सैंकड़ों विसर्जन जुलूस पूरे शहर की सड़कों पर नज़र आयेंगे।
ऐसे मौक़े पर सांप्रदायिक सौहार्द्र कैसे क़ायम रखा जाये इस संबंध में आज आगरा के थाना मंटोला में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में हिंदू और मुस्लिम पक्षों के गणमान्य व्यक्तियों के साथ बैठक हुई जिसमें क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं का निवारण करने का आश्वासन देते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने मुस्लिम वर्ग के प्रतिनिधियों को समझाया कि अगर गणपति विसर्जन के जुलूस में शामिल किसी व्यक्ति द्वारा गलती से उन पर गुलाल डाल दिया जाये तो उसको नज़रअंदाज़ करें और सांप्रदायिक सौहार्द्र को बनाये रखें। साथ ही अधिकारियों ने हिंदू पक्ष के प्रतिनिधियों को भी समझाया कि मुस्लिम इलाक़ों से निकलते समय विसर्जन यात्राओं में गुलाल न उड़ाया जाये, इसकी सावधानी बरतें।
इस बैठक में हिंदुस्तानी बिरादरी के अध्यक्ष डॉ0 सिराज क़ुरैशी ने ज़िला प्रशासन से अपील की, कि बारावफात के मौक़े पर शहर की समस्त शराब की दुकानें बंद रखी जायें।
बैठक में हाजी बिलाल क़ुरैशी, हाजी असलम क़ुरैशी, नंदलाल भारती, मसरूर क़ुरैशी, मदन माहौर, त्रिलोकी चंद, हाजी मंज़ूर आदि ने भी अपने विचार रखे और समस्यायें बताईं जिनको एसीपी आर के सिंह ने शीघ्र हल कराने का आश्वासन दिया।