बरसात का मौसम यूं तो बहुत खुशनुमा होता है, लेकिन इस मौसम में अक्सर सांप और अन्य ज़हरीले जीव-जंतुओं के इंसान से टकराव की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इस मौसम में साँपों के बिलों में पानी भर जाने के कारण यह खतरनाक सरीसृप बाहर निकल आते हैं और यदि ऐसे में ज़रा सी भी असावधानी बरती जाए तो सर्पदंश का शिकार होने और उससे जान जाने की संभावना प्रबल हो जाती है।
उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग ने प्रदेश में सर्पदंश (snakebite) से बीते चार महीने में मरने वाले लोगों के जो आंकड़े जारी किये हैं, वह इस भयावह सच्चाई को उजागर करते हैं कि प्रदेश के अधिकाँश हिस्सों में स्वास्थ्य केंद्रों में सर्पदंश (snakebite) का इलाज मौजूद होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में एक बड़ी संख्या में लोगों की मौत सांप के काटने से हो रही है।
इन आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में महज चार महीने में सर्पदंश (snakebite) से 200 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं साँड़ के हमले में भी 22 लोग जान गँवा चुके हैं।
राजस्व विभाग की इस रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में महज चार महीने में ही प्राकृतिक और मानव जनित आपदाओं से 1130 लोगों की जान गई है। सरकार ने लू के प्रकोप से एक भी मौत होना नहीं माना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की समीक्षा में प्रस्तुत रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक एक अप्रैल से 25 जुलाई 2023 तक पानी में डूबने से 550 लोगों की मौत हुई है। वहीं वज्रपात से 200, बेमौसम बारिश से 7, अग्निकांड से 25, अतिवृष्टि से 55, आंधी तूफान से 39, नाव दुर्घटना से 4 लोगों की मौत हुई है।