आगरा के फतेहाबाद रोड स्थित एक पॉश कॉलोनी में ऑनलाइन सट्टा चल रहा था। सूचना मिलने पर पहुँची एसटीएफ़ ने जब छापा मारा तो सट्टेबाज़ों के गिरोह के सरग़ना सहित 6 आरोपियों को गिरफ़्तार कर करोड़ों रुपये के ऑनलाइन सट्टे के लेनदेन का खुलासा किया है।
एसटीएफ़ निरीक्षक हुकुम सिंह के अनुसार एसटीएफ़ को सूचना मिली थी कि फतेहाबाद रोड पर ताजनगरी स्थित एक पॉश गेटबंद कॉलोनी में ऑनलाइन सट्टे का कारोबार हो रहा है। इस पर सीओ उदय प्रताप सिंह की अगुवाई में एसटीएफ़ टीम ने ताजगंज पुलिस के साथ कॉलोनी की कोठी नंबर 158 में छापा मारा। वहाँ द्वितीय तल पर सट्टे का कारोबार होता मिला जिसके बाद लोहामंडी के मूल निवासी और गिरोह के सरगना मुन्ना कुरैशी सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उनसे 62 हजार रुपये, 5 लैपटॉप, 12 मोबाइल बरामद किये गए। सटोरियों के तार दिल्ली एनसीआर के गिरोह से जुड़े हुए हैं और सारा सट्टेबाज़ी का काम फ़ोन पर हो रहा था। रुपयों का लेनदेन भी ऑनलाइन हो रहा था।
मुन्ना के साथ काम करने वाले अन्य आरोपियों, चमरोली निवासी लोकेश परमार, शमसाबाद निवासी उत्तम चंद, रायभा निवासी संजू सिंह, भरतपुर निवासी हरशबन्धु गौड़ ने बताया है कि उनको 20 से 25 हज़ार रुपये महीने मिलते हैं जिसके एवज़ में वे लेनदेन का हिसाब रखते हैं, लोगों से संपर्क करते हैं और सत्ता खुलने की जानकारी देते हैं।
निरीक्षक हुकूम सिंह ने बताया कि मुन्ना सट्टे की खाईबाड़ी 9 साल से करता आ रहा है। करोड़ों कमा चुका है। इसमें गाजियाबाद, फरीदाबाद, गली और दिसाबर नाम का सट्टा है। सुबह से लेकर शाम तक फोन पर लोग नंबर लगाते हैं। इसके बाद सटोरिये व्हाट्सएप पर बड़े सटोरियों को पर्ची भेज देते हैं। नंबर लगने पर अगले दिन भुगतान कर दिया जाता है। ऑनलाइन रकम अदा की जाती थी। लैपटॉप में हिसाब रखा जाता था।