बारह वर्ष पुराने टोरेंट अधिकारी के साथ मारपीट के मुक़दमे में विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा शनिवार को दो साल की सजा और पचास हज़ार रुपये जुर्माने से दंडित (Ram Shankar Katheria Conviction) किए जाने के बाद ऐसा लग रहा था कि इटावा सांसद राम शंकर कठेरिया की सांसदी भी राहुल गांधी की तरह चली जाएगी।
लेकिन भाजपा विरोधियों की उम्मीदों पर उस समय पानी फिर गया जब आगरा ज़िला जज की अदालत में आज सुबह कठेरिया के वकील द्वारा दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए ज़िला जज ने कठेरिया की सज़ा पर अगली सुनवाई तक रोक (Ram Shankar Katheria Conviction) लगा दी। ज़िला जज ने उन पर जुर्माने की राशि 20 हज़ार तय की है। अगली सुनवाई 11 सितंबर को नियत की गई है।
सोमवार को अपील दायर करने के बाद सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया ने कोर्ट से बाहर निकलते हुए मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि टॉरेंट पॉवर के लाखों के ग़लत बिल से परेशान एक गरीब महिला सुसाइड करने जा रही थी। उसकी परिस्थिति को देखते हुए उन्होंने उसकी मदद की। टॉरेंट पॉवर इस इस घटना के बाद बिल ठीक कर दिया था। तब भाजपा विरोधी बसपा सरकार थी और राजनीतिक साजिश के तहत उनके खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने जिला कोर्ट में अपील दायर कर दी है।
दरअसल जिस घटना में कठेरिया को सजा सुनाई गई है, वह 16 नवंबर 2011 की दोपहर करीब 12.10 बजे की है। टोरंट पावर लिमिटेड, आगरा के साकेत मॉल स्थित ऑफिस में मैनेजर भावेश रसिक लाल शाह बिजली चोरी से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रहे थे। तभी स्थानीय सांसद रामशंकर कठेरिया 10-15 समर्थकों के साथ आए और भावेश रसिक लाल शाह के साथ तथाकथित रूप से मारपीट शुरू कर दी। टोरंट पावर के सुरक्षा निरीक्षक समेधी लाल ने हरीपर्वत थाने में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने डॉ. कठेरिया के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। गवाही और बहस की प्रक्रिया पूरी होने के बाद फैसला (Ram Shankar Katheria Conviction) सुनाया गया।