aहालांकि ओखला बैराज से आने वाले यमुना में छोड़े जाने वाले पानी के प्रवाह में आज शाम से गिरावट होनी शुरू हो गई है, लेकिन आगरा शहर के निचले इलाक़ों में शनिवार रात बाढ़ का पानी घुसने की पूरी संभावना जतायी जा रही है। आगरा ज़िले के बाढ़ के ख़तरे वाले गाँवों के निवासियों को आज रात चौकन्ना रहने को कहा गया है क्योंकि पानी किसी भी समय बढ़ सकता है।
आगरा में शनिवार सुबह से ही यमुना उफान पर है। यमुना का जलस्तर सुबह नौ बजे 494.10 फीट तक पहुंच गया था जो शाम 5 बजे तक 494.50 हो गया। यह लो फ्लड लेवल के बेहद करीब है। आगरा में लो फ्लड लेवल 495 फीट पर है और यमुना का जलस्तर अभी लगातार बढ़ ही रहा है।
यमुना का पानी शनिवार सुबह ताजमहल के सहारे बने ताजगंज श्मशान घाट में घुस गया, जिसके बाद वहाँ होने वाले अंतिम संस्कारों पर रोक लगा दी गई है। फ़िलहाल शमशान के ऊँचे स्थानों पर अंतिम संस्कार हो रहे थे लेकिन अगर आज रात को पानी ने लो फ्लड लेवल पार किया तो वे भी नहीं हो पायेंगे। यमुना किनारे स्थित क्षेत्रों में भी पानी घुसना शुरू हो गया है। कैलाश मंदिर घाट, बल्केश्वर घाट पर सीढ़ियाँ डूब गई हैं और पानी लगातार बढ़ रहा है। वहीं पिछले वर्ष की तरह यमुना की तलहटी में ख़ानापूर्ति के लिए रोपित किए गये सभी पौधे डूब गये हैं।
यमुना का जलस्तर बढ़ने के साथ ही आगरा के यमुना किनारा स्थित मोतीगंज बाजार में गोदाम खाली करा दिए गए हैं। यमुना में जल बढ़ने से नाले बैक मारने लगेंगे इससे बाजार में पानी भर सकता है। इसे देखते हुए व्यापारियों ने गोदाम खाली करना शुरू कर दिया है।
जिस तरह से यमुना में जलस्तर बढ़ रहा है, आज और कल यमुना किनारे इलाकों में पानी भर सकता है। दो दिन में यमुना का जलस्तर 500 फुट तक पहुंचने का अनुमान है इसे देखते हुए यमुना किनारे के इलाकों में रहने वाले लोगों को हटाया जा रहा है। 47 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं, आश्रय स्थल भी तैयार कराए जा रहे हैं। खेतों में पानी घुस गया है। किनारे रखीं झोपड़ियां डूब गई हैं। बल्केश्वर क्षेत्र में मकानों की दीवारों से यमुना टकरा रही है। गांव-गांव मुनादी हो रही है। आबादी वाले किनारों पर बैरीकेड कर लोगों को सावधान किया जा रहा है। कैलाश गांव से लेकर बाहर तक नदी किनारे के निकट बने मकानों पर खतरे के निशान लगा दिए गए हैं।
यमुना देखने पहुंचने वालों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर पुलिस पहरा देने लगी है। फतेहाबाद के ईधौन, धारापुरा गांव के खादर में पानी पहुंचने से फसलें जलमग्न हो गईं हैं, जिससे इससे ज्वार, हरी सब्जियां आदि डूब गई हैं। हर क्षेत्र में टीमें निरंतर संपर्क कर लोगों को जागरूक कर रही हैं। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता शरद सौरभ गिरी ने बताया कि टीमें निरंतर जागरूक कर रही हैं। प्रशासन द्वारा मुनादी कराने, आश्रय स्थल तैयार कराने का काम हो रहा है।
जहां पहाड़ी क्षेत्रों में बरसात थमने से ओखला बैराज से छोड़े जाने वाले पानी में लगातार गिरावट आ रही है, वहीं गोकुल बैराज के पानी के प्रवाह में फ़िलहाल लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आज शाम 5 बजे ओखला बैराज से 266897 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था, वहीं गोकुल बैराज पर इसका प्रवाह 100869 क्यूसेक था।
आगरा में लो फ्लड लेवल 495 फुट, मीडियम फ्लड लेवल 499 फुट और हाई फ्लड लेवल 508 फुट पर है। अगर पहाड़ों में बारिश थमी रहती है, तो आगरा में यमुना के हाई फ्लड लेवल तक पहुँचने की संभावना नहीं है, हालाँकि मीडियम फ्लड लेवल आज रविवार शाम तक पार हो सकता है।
उधर चंबल किनारे बसे गाँवों में भी भय का माहौल है।आज शाम 5 बजे पिनाहट पर चंबल का पानी 113.70 मीटर पर स्थिर गति से बह रहा था, हालाँकि इसके ख़तरे के निशान को छूने की संभावना कम ही नज़र आ रही है। चंबल में लो फ्लड लेवल 127 मीटर, और मीडियम फ्लड लेवल 130 मीटर पर है, जबकि हाई फ्लड लेवल 137.60 मीटर पर है। गत वर्ष चंबल नदी में बाढ़ आई थी और 36 गांवों के 8500 लोग प्रभावित हुए थे। प्रशासन के निर्देश पर संबंधित विभागों के कर्मचारी तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों को सचेत करने लगे हैं।