तीन दशक पूर्व आगरा शहर के लिए जो सपना देखा गया था वह जल्द ही पूरा होने जा रहा है। इनर रिंग रोड (ringroad) के तीसरे चरण और उत्तरी बाइपास का निर्माण होने के बाद डायमंड सर्किल का काम पूरा हो जाएगा। यह सर्किल बनने से भारी वाहन शहर से होकर नहीं गुजरेंगे , इससे ईंधन की तो बचत होगी ही साथ ही पर्यावरण को भी कम से कम नुकसान पहुंचेगा। दोनों ही प्रमुख रोड का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण आगरा खंड द्वारा कराया जा रहा है। एनएचएआई के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों रोड का कम तेजी से शुरू हो गया है।
नेशनल हाईवे- 19 को ग्वालियर रोड से जोड़ने के लिए इनर रिंग रोड (ringroad) का निर्माण कराया जा रहा है। यह रोड तीन चरण में बन रही है। पहले चरण का काम पूरा हो चुका है। इस हाईवे से फतेहाबाद रोड तक की लंबाई साढ़े दस किमी है। दूसरे चरण को अंतिम रूप दिया जा रहा है, यह फतेहाबाद रोड से देवरी रोड तक है। इसकी लंबाई आठ किमी है। दोनों ही चरण का निर्माण एडीए द्वारा कराया गया है। तीसरे चरण का निर्माण एनएचएआई आगरा खंड द्वारा किया जाएगा। देवरी रोड से ग्वालियर हाईवे तक रोड की लंबाई सात किमी है। एनएचएआई ने जमीन का अधिग्रहण कर लिया है। टेंडर भी हो चुका है जल्द निर्माण शुरू होगा।
इनर रिंग रोड (ringroad) के पहले चरण की रोड को दूसरे चरण से जोड़ने के लिए एडीए द्वारा साढ़े 22 करोड़ रुपये से फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। ये काम डेढ़ साल में पूरा होगा। आगरा और मथुरा की सीमा के पास से उत्तरी बाइपास शुरू होगा यह यमुना एक्सप्रेसवे पर मिलेगा। इस की लम्बाई 22 किमी होगी।
आगरा शहर के चारों ओर रिंग (ringroad) बनाई जा रही है। इसकी शुरुआत न्यू साउथ बाइपास से हुई थी। दो दशक पूर्व उत्तरी बाइपास, इनर रिंग के निर्माण का प्रस्ताव तैयार हुआ था। इनर रिंग रोड के तीसरे चरण ओर उत्तरी बाइपास का निर्माण कार्य पूरा होते ही डायमंड सर्किल बनकर तैयार हो जायेगा।