अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार को बादल फटने (amarnath cloudburst) से अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 65 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इसके अलावा 41 लोग लापता बताये जा रहे हैं जिसको लेकर आज तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
आगरा के बाह के रहने वाले 17 श्रद्धालु भी बादल फटने (amarnath cloudburst) के बाद से अमरनाथ गुफा के रास्ते में फंस गए हैं। शुक्रवार रातभर परिजन इनसे संपर्क के लिए छटपटाते रहे। उनकी सलामती की दुआ और प्रार्थना करते रहे। शनिवार को उनके सुरक्षित होने की जानकारी मिलने पर जान में जान आई।
1 जुलाई को बरुआ नगर के उद्देश्य सविता, पक्की तलैया के गणेश गुप्ता और बेटा कृष्णा, मोहल्ला गंज के राज कुमार भारद्वाज, जाटव टूला के मनीष, जरार के राम कुमार सविता, मुकेश कठेरिया, भगवान सिंह कुशवाह, नाती सुजीत, अभिषेक गुप्ता, रजत गुप्ता, गनेश गुप्ता, सुनील सिंह, सचिन, दीपक, नरहौली के वासुदेव सविता, नीरज सविता आदि बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए गए थे। शुक्रवार को फोन पर उन्होंने परिजन को बताया था कि पहलगांव से अमरनाथ गुफा के लिए निकल रहे हैं। शुक्रवार शाम गुफा के पास बादल फटने (amarnath cloudburst) की खबर के साथ ही परिजन छटपटाने लगे। राज कुमार के भतीजे मुकुल, अभिषेक के पिता मनोज गुप्ता, सुनील के भाई प्रेम सिंह, रजत के चचेरे भाई नीरज गुप्ता, राम कुमार के भतीजे धीरज ने बताया कि रात में संपर्क न होने से पूरा परिवार परेशान रहा।
बाबा बर्फानी के दर्शन को गए क्षेत्र के श्रद्धालुओं के एक दल को अमरनाथ गुफा से 6 किमी दूर पंचत्रिवेणी में रोक लिया गया। बादल फटने (amarnath cloudburst) की जानकारी पर श्रद्धालु दहशत में आ गए। फोन स्विच ऑफ होने से परिजन भी बात नहीं कर पा रहे थे। फंसे श्रद्धालु बोले कि सेना ने साहस व सहारा दिया। पंचत्रिवेणी में फंसे राम कुमार सविता, डॉ. भगवान सिंह कुशवाह, उद्देश्य सविता ने बताया कि सेना ने सभी यात्रियों को संभाला, सुरक्षित कैंपों में रोका। 10 किमी दूर पहलगाम के पास रोके गए राजकुमार गुप्ता, मुकेश कठेरिया, रजत गुप्ता, नीरज आदि ने बताया कि सेना के रोके जाने के बाद ही बादल फटने की जानकारी मिली थी।