आगरा में स्मार्ट सिटी कंपनी (agra smart city) के सभी 1100 करोड़ रुपये के काम अगले माह जुलाई तक पूरे कर लिए जाएंगे। बुधवार को आगरा स्मार्ट सिटी कंपनी की बोर्ड मीटिंग में तय किया गया कि सभी योजनाओं का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उन्हें संबंधित विभागों के हैंडओवर कर दिया जाएगा। इसके लिए योजना और नीति तय की जाए। हालांकि पांच सालों तक संसाधन (इन्फ्रास्ट्रक्चर) का रखरखाव और संचालन कंपनी करेगी।
नगर निगम स्थित आगरा स्मार्ट सिटी (agra smart city) कंपनी के सभागार में हुई बोर्ड बैठक में कंपनी के कामकाज के अलावा प्रोजेक्ट हैंडओवर करने पर चर्चा की गई। इसमें पानी की 142.61 करोड़ रुपये की ताजगंज योजना, 100 करोड़ रुपये की सीवरेज योजना समेत 11 योजनाएं शामिल हैं, जिन पर (agra smart city) स्मार्ट सिटी ने 1100 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसमें फतेहाबाद रोड के चौड़ीकरण, सौंदर्यीकरण और सड़कों के निर्माण की योजना में अपर नगर आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है जो निरीक्षण करके अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। पानी और सीवर की योजनाओं के हैंडओवर के लिए जलकल विभाग को स्काडा सिस्टम की जानकारी दी जाएगी और संचालन में उनकी भूमिका भी रहेगी।
(agra smart city) स्मार्ट सिटी व्यवस्था के तहत 26 वर्ष बाद अब घरों में बिजली की तरह पानी के भी मीटर लगने जा रहे हैं। ताजगंज और स्मार्ट सिटी के एबीडी क्षेत्र में 17,225 घरों में पानी के लिए स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। घर के बाहर की दीवार पर ब्लैक बॉक्स के अंदर इलेक्ट्रॉनिक स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है। आगरा स्मार्ट सिटी कंपनी ने हर दिन औसतन 20 घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा है। मीटर के जरिए पानी आपूर्ति की यह व्यवस्था आगरा में 26 साल के बाद शुरू हो रही है। इसके जरिए हर घर की जरूरत और खर्च होने वाले पानी की ही कीमत वसूली जाएगी। हालांकि इसका टैरिफ अभी तय नहीं किया गया है। बसई, ताजगंज से स्मार्ट मीटर लगाने की शुरूआत की गई है।
आगरा स्मार्ट सिटी (agra smart city) कंपनी की ओर से पानी के लिए लगाए जा रहे मीटर स्मार्ट हैं और सीधे इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से जुड़े रहेंगे। ये लोरा नेटवर्क के जरिए कमांड सेंटर से ही देखे जा सकेंगे। इनकी रीडिंग के लिए कर्मचारियों को घर-घर जाने की जरूरत नहीं होगी। कमांड सेंटर पर बैठकर ही हर घर की रीडिंग रिकॉर्ड की जा सकती है। अगर पानी की आपूर्ति में कोई व्यवधान है तो उसका ब्योरा भी कमांड सेंटर में मिल सकेगा। इसके अलावा कंपनी हर जलाशय और टंकी पर भी मीटर लगाएगी, जिससे उस क्षेत्र की जलापूर्ति और पानी बर्बाद होने का ब्योरा पता चल सके।
ताजनगरी में 1996 के बाद घरेलू कनेक्शनों में पानी के मीटर की व्यवस्था खत्म कर दी गई थी। तब से अब तक 26 साल में जलकल विभाग उपभोक्ताओं से जलमूल्य और जलकर आधारित बिल भेजता रहा है। 1996 से पहले जो मीटर पानी की लाइन में लगाए गए थे, वह मैकेनिकल थे और प्रेशर आधारित थे, लेकिन नए मीटर स्मार्ट हैं और बिजली की तरह से कम प्रेशर से सप्लाई पर भी यूनिट रिकार्ड करेंगे।
ताजगंज और स्मार्ट सिटी के एबीडी एरिया के 17,225 घरों के बाहर दीवार पर तीन-तीन मीटर लगे हुए नजर आएंगे। 11 साल पहले टोरंट पावर कंपनी के विद्युत मीटर घरों से बाहर की दीवार पर लगने शुरू हुए। उसके बाद ग्रीन गैस कंपनी ने पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) कनेक्शन देने पर मीटर लगाया। अब तीसरा मीटर आगरा स्मार्ट सिटी कंपनी का है, जो काले रंग के पीवीसी बॉक्स के अंदर होगा।
आगरा स्मार्ट सिटी (agra smart city) कंपनी के पीएमसी लीडर आनंद मेनन ने बताया कि जीवनी मंडी वाटरवर्क्स से ताजगंज को 24×7 पानी देने की योजना में मीटर लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। यह पूरी तरह से ऑटोमेटिक मीटर हैं, जो ब्लैक बॉक्स में अंदर रहेंगे। इनकी रीडिंग इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में नजर आएगी। मीटर से छेड़छाड़ न हो, इसलिए बॉक्स पर लॉक होगा।
आगरा स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ निखिल टी फुंडे ने बताया कि आगरा स्मार्ट सिटी एक ई-टॉयलेट छोड़कर सभी योजनाओं का रखरखाव एवं संचालन पांच सालों तक करेगी। सभी योजनाओं को हैंडओवर करने के लिए प्रक्रिया शुरू करने और नीति बनाने के लिए कहा गया है ताकि काम पूरा होते ही व्यवस्था और संचालन किया जा सके।