सांप्रदायिक ताकतों के समाज को धर्म के आधार पर विभाजित करने के प्रयासों को धता बताते हुए आज आगरा की घनी आबादी में स्थित सर्राफा मार्किट के खूबसूरत भवन में हिन्दू, मुसलमान, सिख और ईसाई वर्ग के हजारों लोगों ने एक साथ बैठ कर रोजा इफ्तार (roza iftar) किया।
इस रोजा इफ्तार (roza iftar) का आयोजन क्षेत्रीय सामाजिक कार्यकर्ता सैयद सलमान के नेतृत्व में किया गया जिससे केवल आगरा ही नहीं, बल्कि देश भर में फैली साम्प्रदायिकता पर एक करारा प्रहार हुआ है।
इस सम्बन्ध में हिंदुस्तानी बिरादरी के उपाध्यक्ष विशाल शर्मा का कहना था कि कुछ अवांछनीय तत्व धर्म की आड़ लेकर इस सुलहकुल की नगरी आगरा की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन हर बार आगरा की शांतिप्रिय जनता इन प्रयासों को धता बता कर देश के अन्य जिलों के लिए एक सर्वधर्म समभाव का उदाहरण प्रस्तुत करती है।
शर्मा ने इस व्यवस्था को कायम रखने वालों के प्रति आभार और धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि अब जनता सांप्रदायिक तत्वों से खुद ही निबटना सीख चुकी है, इसलिए अब ऐसे तत्वों के जाल में नहीं फंसती है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तानी बिरादरी संस्था की स्थापना सन 1927 में वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी स्व0 गणेश शंकर विद्यार्थी ने इसी उद्देश्य से की थी कि सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि “पहले हम हिंदुस्तानी हैं, धर्म बाद की चीज है”, इसलिए हर भारतीय को समझना होगा कि हम केवल “हिंदुस्तानी बिरादरी” के लोग हैं। धर्म और जाति को अब परदे के पीछे डालना होगा।
शर्मा ने बताया कि जब 1930 में कानपुर में साम्प्रदायिकता रूपी आग भड़की तो उसको काबू में करते समय ही संस्था के संस्थापक स्व0 गणेश शंकर विद्यार्थी शहीद हो गए थे।
इसी सन्दर्भ में सामाजिक कार्यकर्ता समीर ने कहा कि आज रोजा इफ्तार (roza iftar) में जो सांप्रदायिक सद्भाव की भावना आगरावासियों ने दर्शाई, वो काबिले तारीफ है।