अक्सर विवादों में बने रहने वाले अयोध्या के तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास महाराज ने दो दिन पूर्व ताजमहल में प्रवेश करने से तथाकथित रूप से रोके जाने के बाद अब महंत परमहंस दास महाराज (Paramhans Maharaj) ने पुनः अपने अनुयायियों के साथ 5 मई 2022 को ताजमहल में प्रवेश करने का ऐलान किया है।
दो दिन पूर्व अयोध्या के तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास महाराज (Paramhans Maharaj) एवं उनके साथियों को ताज में लगे सुरक्षाकर्मियों द्वारा रोका गया था जिस पर परमहंस महाराज (Paramhans Maharaj) ने आरोप लगाया कि उनको भगवा वस्त्र पहने होने के कारण रोका गया। इसको लेकर कुछ हिंदूवादी संगठनों ने हंगामा एवं प्रदर्शन करते हुए आगरा के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कार्यालय पर सरकार का पुतला फूंकने का भी प्रयत्न किया।
अब महंत परमहंस दास महाराज (Paramhans Maharaj) ने पुनः अपने अनुयायियों के साथ 5 मई 2022 को ताजमहल में प्रवेश करने का ऐलान किया है। हिंदूवादी संगठनों से जुड़े मनीष पंडित, प्रिंस कुमार, शंकर श्रीवास्तव, राजेंद्र गर्ग ने पुरातत्व विभाग के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल को ज्ञापन भी दिया है, जिसमें कहा गया है कि महाराज परमहंस (Paramhans Maharaj) को भगवा वस्त्र पहनने की वजह से ताज में प्रवेश करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाये।
पुरातत्व विभाग के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने बताया कि परमहंस महाराज से धर्मदंड के लॉकर में रखने का एवं वापस लौट कर लेने का आग्रह सुरक्षा कर्मियों ने किया था। पर स्वामीजी ने इसे स्वीकार नहीं किया और वापस चले गए। उनके वस्त्रों को लेकर कोई विवाद नहीं था। किसी भी रंग के वस्त्र पहन कर कोई भी ताजमहल में प्रवेश कर सकता है। आज हिन्दू परिषद के अध्यक्ष गोविन्द पाराशर भी अपने साथियों के साथ भगवा वस्त्र में पहुंचे। उन्हें ताज में प्रवेश करने से नहीं रोका गया।
इस सम्बन्ध में हिंदुस्तानी बिरादरी के उपाध्यक्ष विशाल शर्मा का कहना था कि “ताजमहल देश की ऐसी अजूबी इमारत है जिसका दीदार करने की इच्छा दुनिया के हर व्यक्ति के दिल में रहती है। जब कभी भी किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष भारत पधारते हैं तो वह अवश्य ही आगरा आकर ताजमहल भी देखना चाहते हैं। ताजमहल भारत का गर्व है लेकिन कुछ लोग इसे एक विशेष वर्ग से जोड़कर विवादित बना रहे हैं।”
एक प्रश्न के उत्तर में शर्मा ने बताया कि ताजमहल से ही आगरा का पर्यटन व्यवसाय भी जुड़ा है। जिसकी वजह से हजारों परिवारों का लालन पालन हो रहा है तथा करोड़ों रुपये राजस्व के रूप में भारत सरकार और उत्तर प्रदेश की झोली में आता है। भारत सरकार ने ताजमहल में प्रवेश करने हेतु कुछ नियम भी बनाये हुए हैं। अगर उन नियमों का कोई पालन नहीं करेगा तो वह ताज में प्रवेश करने से अवश्य ही वंचित हो जाएगा।