उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पूरा फोकस वर्तमान में आगरा मंडल के मथुरा जिले पर लगा दिखाई दे रहा है तथा महीने में कई बार मथुरा पधारने से ऐसा लगने लगा है कि संभवतः योगी विधानसभा का चुनाव मथुरा से जीत कर पुनः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का मन बना चुके हैं।
योगी जी की तरह ही प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी का भी पूरा फोकस उत्तर प्रदेश पर लगा दिखाई दे रहा है। इसका मुख्य कारण शायद यह भी है कि निकट भविष्य में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव है और प्रधानमन्त्री उत्तर प्रदेश के बनारस जिले से सांसद बनकर प्रधानमन्त्री की कुर्सी पर विराजमान हैं।
ऐसा भी प्रतीत हो रहा है कि इस बार का विधानसभा चुनाव पूरी तरह “हिंदुत्व एजेंडे” पर ही होगा क्योंकि राम मंदिर निर्माण के बाद अब काशी और मथुरा में भी मंदिर निर्माण की चर्चा होने लगी है। मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने आज मथुरा पधारने पर भगवान् श्री कृष्ण का मंदिर बनाने की जोरदार आवाज उठाई।
हेमा मालिनी ने विगत दिवस संसद भवन परिसर में भी मीडिया के समक्ष कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि अयोध्या में भगवान राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। बनारस में भी भव्य कॉरिडोर का निर्माण हुआ है और अब इसी तरह मेरे संसदीय क्षेत्र मथुरा में भी भगवान् शेरी कृष्ण का भव्य मंदिर बनना चाहिए।
एक प्रश्न का उत्तर देते हुए हेमा मालिनी ने कहा कि यह प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही तय करेंगे कि मथुरा में श्री कृष्ण का मंदिर कैसे बनाया जाएगा। लेकिन मेरा केवल इतना ही कहना है कि प्यार से बनना चाहिए। इससे पहले पहले प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या भी मथुरा में श्री कृष्ण का भव्य मंदिर बनाने की वकालत कर चुके हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि लगातार मथुरा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी का आना और श्री कृष्ण जन्म स्थान पर दर्शन करना भी इसी का हिस्सा बताया जा रहा है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि भाजपा के एजेंडे में मथुरा – काशी और अयोध्या शुरू से ही रहा है। हम श्री कृष्ण मंदिर निर्माण को इस विधान सभा चुनाव का मुख्या मुद्दा मान कर चल रहे हैं। वर्तमान में हमारी सांसद हेमा मालिनी का बयान भी इसी तरह का संकेत दे रहा है।
इस सन्दर्भ में भारतीय मुस्लिम विकास परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष समी आगाई का यह कहना भी उचित लगा कि सरकार का मुख्य मुद्दा विकास का तथा महंगाई पर कण्ट्रोल का होना चाहिए लेकिन इन मुद्दों को पीछे करते हुए धार्मिक और हिंदुत्व के मुद्दों को आगे रखे हुए हैं जो कि उचित नहीं है।
समी आगाई ने बताया कि सन 2020 एवं 2021 में देश – प्रदेश की जनता कोरोना महामारी से परेशान हो गई। समस्त कारोबार ठप हो गए। अब धीरे – धीरे गाड़ी पटरी पर आ रही है लेकिन वर्तमान में कुछ नेताओं ने मंदिर – मस्जिद और धार्मिक मुद्दों को उठाकर पुनः उलझनों में डाल दिया है।
इसी तरह हिंदुस्तानी बिरादरी के उपाध्यक्ष विशाल शर्मा का यह कहना भी उचित लगा कि आज जनता रोजी – रोटी की चक्कर में लगी दिखाई देती है जबकि सरकार जनता की इस ओर कोई ध्यान न देकर केवल धार्मिक और मंदिर आदि तथा नाम बदलने की ओर ही दिया जा रहा है जो कि कतई उचित नहीं लगता।
विशाल शर्मा ने बताया कि आज जनता सब जानती है। जनता अब अपने भविष्य की ओर ध्यान देने में लगी है। धार्मिक प्रवृत्ति के लोग अवश्य धार्मिक और मंदिर / मस्जिद की ओर ध्यान देते भी हैं। लेकिन उनका भी मुख्य उद्देश्य जीवनयापन करने की ओर रहता है। उनका अपने परिवार के उत्थान की ओर भी ध्यान रहना है, केवल वोट पर ही नहीं।