इंटरनेशनल डायबिटिक डे पर की गई एक स्टडी में देखने को मिला है कि कोरोना महामारी में मधुमेह के रोगियों की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिला है। आगरा डायबिटीज फोरम की स्टडी बताती है पिछले 20 महीनों में डायबिटीज के 3 प्रतिशत रोगी बढे हैं। पूर्व में जहाँ 100 मरीजों में लगभग 6 लोगों में डायबिटीज पाई जाती थी, कोरोना काल में यह संख्या 9 पर पहुँच गयी है। इस स्टडी के अनुसार तनाव भी डायबिटीज की बीमारी होने का बड़ा कारण बताया जा रहा है।
फोरम के सचिव एवं डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ0 सुनील बंसल ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान डायबिटीज विशेषज्ञों की OPD में आने वाले मरीजों पर यह स्टडी की गयी थी। 11980 मरीजों में से 359 में डायबिटीज के लक्षण पाए गए। यह सब नए मरीज थे।
इस सन्दर्भ में सीनियर फिजिशियन डॉ0 एस0 के0 कालरा का कहना था कि कोरोना संक्रमण के दुष्प्रभावों के कारन भी डायबिटीज के रोगियों की संख्या बढ़ी थी, लेकिन ऐसे मरीजों का शुगर लेवल 5 माह में सामान्य हो गया था। ऐसे मरीजों में काफी बड़ी संख्या 25 वर्ष या उससे काम उम्र के रोगियों की थी जिन्हें स्टेरॉयड की अत्यधिक मात्रा देनी पड़ी थी।
फोरम ने कोरोना का डायबिटीज के मौजूदा मरीजों पर होने वाले असर को भी आंका और पाया गया कि डायबिटीज के रोगियों की शुगर का स्तर कोरोना संक्रमण की वजह से तीन गुना तक बढ़ गया था, जिससे डायबिटीज से पीड़ित कोरोना रोगियों की अधिक संख्या में मृत्यु हुई, और इसके अलावा भी इनमें हार्ट अटैक, न्यूरोपैथी, रेटिनोपैथी, लकवा जैसे रोग की भी शिकायत मिली।
रेनबो हॉस्पिटल के ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ0 जिनेश जैन का कहना था कि ह्रदय रोग के कारणों में धूम्रपान, शराब का सेवन, मोटापा के अलावा डायबिटीज भी एक प्रमुख कारण है। डायबिटीज के रोगियों में हार्ट अटैक का ख़तरा तीन गुना होता है। कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा धमनियों में जमने से धमनियां संकुचित हो जाती हैं, जिससे ह्रदय तक ऑक्सीजन कम पहुँच पाती है और हृदयाघात हो जाता है।
डॉ0 जैन ने बताया कि 30 साल के युवकों में डायबिटीज के कारण ह्रदय रोग मिल रहा है, जिसके कारण उनकी कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है और साथ ही कम उम्र में हृदयाघात से मृत्यु होने का ख़तरा कई गुना बढ़ रहा है।
वरिष्ठ काय चिकित्सक डॉ0 राजेंद्र बंसल ने बताया कि कोरोना महामारी से लोगों में डायबिटीज के प्रति चेतना तो जाएगी है। इसके अलावा सामान्य के मुकाबले जांचें ज्यादा होने से भी ऐसे नए मरीज सामने आ रहे हैं जिनको शुरूआती स्तर की डायबिटीज होने के कारण कोई लक्षण नहीं थे। युवाओं में डायबिटीज पनपने का एक बड़ा कारण देर रात तक जाग कर काम करने और मोबाईल पर चैटिंग में घंटों लगे रहना भी है, जिसके कारण नींद पूरी नहीं होती है और शरीर के अंगों को भी आराम करने का मौक़ा नहीं मिलता है। शरीर में टॉक्सिन्स बढ़ते जाते हैं और फिर महत्वपूर्ण अंगों, जैसे ह्रदय, लिवाय, पैंक्रियास आदि पर प्रभाव पड़ने के कारण विभिन्न तरह के रोग जन्म लेते हैं। अगर इन रोगों से बचना है तो एक स्वस्थ दिनचर्या का पालन करना आवश्यक है, जिसमें व्यायाम और साइकिल चलाना और कम से कम 30-40 मिनट टहलना भी शामिल है।