पूर्व प्रधानमन्त्री स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मभूमि बटेश्वर ( आगरा ) का भी बनारस और मथुरा – वृन्दावन की तरह विकास किया जाये, यह कहना है संत महामंडलेश्वर महाराज का। उन्होंने परिक्रमा पर उड़ती धूल पर चिंता व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन से मांग की है कि बटेश्वर के समस्त मंदिरों के आस – पास पानी का छिड़काव प्रतिदिन हो, तभी बटेश्वर को पांचवें कुम्भ का दर्जा भी दिया जाये वार्ना संतों की टीम आंदोलन करने हेतु मजबूर होगी।
दिगंबर निर्मोही अखाड़े के महामंडलेश्वर बाबा बालक दास ने कहा कि बटेश्वर पूर्व प्रधानमन्त्री वाजपेयी की जन्मभूमि के साथ-साथ सैंकड़ों की संख्या में मंदिर हैं। यहाँ प्रतिदिन धार्मिक प्रवृति के लोग और पर्यटक पधारते हैं। हमने पांचवें महाकुम्भ का दर्जा दिलाने की मुहिम छेड़ रखी है। इसी मुहिम के तहत नागा बाबाओं और साधू – संतों ने जोर – शोर के साथ पहला शाही स्नान भी किया है। दूसरा शाही स्नान पूर्णमासी को और तीसरा शाही स्नान दौज को होगा। सप्त – कोसीय परिक्रमा के दौरान साधु – संतों, अस्त्र – शस्त्रों का प्रदर्शन भी किया।
हिंदुस्तानी बिरादरी के उपाध्यक्ष विशाल शर्मा ने कहा कि हमने अपनी संस्था के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार को लिखित रूप से बटेश्वर की उपेक्षा के बारे में अवगत कराते हुए उसका विकास कराने की अपील भी की है लेकिन आज तक इस धार्मिक स्थान की ओर नहीं देखा गया है। शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं बटेश्वर पधार कर कहा भी था कि इस पवित्र और पूर्व प्रधानमन्त्री के जन्मस्थान की ओर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश की पूर्व की सरकारों ने बटेश्वर की सदैव उपेक्षा की है। ऐसा प्रतीत होता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शायद बटेश्वर को भूल गए हैं।
साधु – संतों द्वारा की गई परिक्रमा और बटेश्वर के घाट पर शाही स्नान भी किया। साधु – संतों द्वारा की गई परिक्रमा और बटेश्वर के घाट पर शाही स्नान भी किया परिक्रमा के दौरान मार्ग पर घुड़सवार पुलिस और स्नान के दौरान स्थानीय गोताखोर मोटरबोट के साथ मुस्तैद दिखाई दिए। स्नान के बाद ब्रह्मलाल जी मंदिर में पूजा – अर्चना का प्रोग्राम भी संपन्न हुआ।
सामाजिक कार्यकर्त्ता विजय उपाध्याय का कहना था कि मुख्यमंत्री स्वयं एक योगी और सन्यासी हैं। अगर उनके समय में बटेश्वर का उत्थान नहीं किया जाता है तो यह आश्चर्यजनक घटना होगी। मुख्यमंत्री से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पूर्व इसे पांचवें कुम्भ का दर्जा प्रदान करें और पूरे क्षेत्र का उत्थान करें।