आगरा के जिला अस्पताल का स्टाफ और वहां मरीजों के तीमारदार उस समय दंग रह गए जब एक मंदिर के पुजारी लेख सिंह गोद में लड्डू गोपाल जी (भगवान कृष्ण का बाल रूप) की मूर्ती को लेकर अस्पताल की खिड़की से उनके नाम पर्चा बनवाकर CMS डॉ0 अशोक अग्रवाल के चैम्बर में जा पहुंचे और गुहार लगाने लगे कि मेरे लड्डू गोपाल का हाथ टूट गया है, उनके हाथ पर प्लास्टर चढ़ा कर उन्हें भर्ती कर लें ताकि उनका हाथ जुड़ सके।
CMS डॉ0 अग्रवाल के समझने पर भी पुजारी लेख सिंह समझ नहीं पा रहे थे और रोना भी बंद नहीं कर रहे थे। अस्पताल परिसर में स्टाफ और अन्य डॉक्टरों व मरीजों के तीमारदारों की भीड़ लग गयी। आखिरकार पुजारी की जिद पर CMS डॉ0 अशोक अग्रवाल ने प्लास्टर तो कर दिया, लेकिन भर्ती करने के नाम पर सभी डॉक्टरों और हॉस्पिटल स्टाफ ने हाथ खींच लिए। इसको सुनकर अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के कई दर्जन कार्यकर्त्ता जिला अस्पताल पहुँच गए और हंगामा करने लगे।
डॉ0 अग्रवाल ने बताया कि हमने पुजारी लेख सिंह की आस्था का सम्मान करते हुए लड्डू गोपाल जी की मूर्ती के हाथ का प्लास्टर तो कर दिया लेकिन नियमों के अभाव में भर्ती करने से मना करना पड़ा।
इस दृश्य को लेकर पूरे शहर में जहाँ पुजारी लेख सिंह की आस्था की प्रशंसा हो रही है, वहीं हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं के द्वारा खड़े किये गए हंगामे पर ऐतराज उठाया जा रहा है। स्थानीय निवासी शिवकुमार शर्मा, जो अपने किसी मरीज से मिलने जिला अस्पताल आये हुए थे, का कहना था कि ऐसे लोग अपनी राजनीति चमकाने का बहाना ढूंढते हैं। आस्था के प्रश्न को राजनीति से जोड़ना एक निंदनीय कार्य है। वर्तमान में तो आस्था और राजनीति एक ही सड़क पर दौड़ती नजर आ रही हैं जबकि दोनों की राह अलग – अलग है और इनके एक साथ आने से समाज में वैमनस्य की भावना फैलती है जो कि एक स्वस्थ समाज के निर्माण में बाधक है।