पोलैंड से आगरा वापस आये खंदारी (आगरा) के व्यापारी (50) के नमूने की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जा रही है। नमूना लखनऊ के KGMU भेजा गया है। राहत की बात यह है कि व्यापारी के संपर्क में आये 59 लोगों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आयी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार व्यापारी का इम्पोर्ट – एक्सपोर्ट का कारोबार है। यह हर माह पोलैंड की यात्रा पर जाते रहते हैं। पिछली बार यह 12 नवम्बर को आगरा आये, आते ही इन्हें बुखार हो गया। दिल्ली एयरपोर्ट पर जब इनकी जांच हुई थी तो रिपोर्ट नेगेटिव आयी थी। लेकिन आगरा आने के दो दिन बाद जब बुखार आया तो एक निजी पैथोलॉजी पर रिपोर्ट कराई जिसकी रिपोर्ट 17 नवम्बर को पॉजिटिव आई।
पॉजिटिव रिपोर्ट को देखकर स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना हो गया क्योंकि 31 अक्टूबर से आगरा में कोई भी संक्रमित मरीज नहीं था। डॉक्टरों की टीम सोचने लगी कि कहीं यह कोरोना का कोई अलग वैरिएंट तो नहीं है। इसकी जांच कराने के लिए नमूना KGMU लखनऊ भेजा गया है।
लखनऊ के डॉक्टरों का कहना है कि जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही मालूम होगा कि आखिर क्या रोग है। अभी आगरा में दूसरी लहार में डेल्टा+ वैरिएंट और कप्पा वैरिएंट मिल चुका है।
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ0 एस के कालरा ने बताया कि जीनोम सिक्वेंसिंग एक तरह से किसी वायरस का बायोडाटा होता है। कौन सा वायरस कैसा है, किस तरह का दिखाई देता है, इसकी जानकारी जीनोम सिक्वेंसिंग से मिल जाती है।
सामजिक कार्यकर्ता आमिर का कहना था कि वर्ष 2020 में भी आगरा में कोरोना महामारी जूता निर्यातक के जरिये आयी थी। अब ऎसी गलती न होने पाए। फिलहाल आगरा कोरोना से मुक्त चल रहा था लेकिन अचानक पोलैंड से आये कारोबारी के कारण 59 लोग कोरोना के खतरे में आ गए हैं और उनसे जुड़े सैकड़ों लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि फिलहाल व्यापारी के संपर्क में आये सभी लोग नेगेटिव हैं, लेकिन इनपर अभी 14 दिन तक स्वास्थ्य विभाग को कड़ी नजर रखने की आवश्यक्सा है ताकि आगरा में कोरोना की दूसरी लहर की विभीषिका फिर से देखने को न मिले।