हमेशा पर्यटकों की चहल-पहल के गुलजार रहने वाली दुनिया की अजूबी इमारत ताजमहल कोरोना महामारी के समय पूरी तरह वीरान हो गई थी, लेकिन कोरोना लॉकडाउन हटने के बाद न सिर्फ वह चहल – पहल वापस आई है, बल्कि पर्यटकों की भीड़ ने दो साल का रिकॉर्ड ही तोड़ दिया।
जो पर्यटन व्यवसाई दो साल से मायूस बैठे थे, आज उनके चेहरे खिलते नजर आये। आज लगभग 30 से 35 हजार सैलानी ताजमहल का दीदार करने पधारे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इन सैलानियों ने ताज में आने का दो साल का रिकॉर्ड बिना किसी असुविधा के तोड़कर नया रिकॉर्ड बना दिया है। कोरोना महामारी के कारण 15 मार्च 2020 को बंद हुए ताजमहल पर अब तक से सबसे अधिक सैलानी गाँधी जयंती और रविवार के अवकाश के कारण पहुंचे।
वैसे सामान्य परिस्थितियों में भी 1 अक्टूबर से आगरा में टूरिस्ट सीज़न की शुरुआत हो जाती है। अब सैलानियों की बढ़ती संख्या और अक्टूबर के अंत तक विदेशी पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो जाने की उम्मीद बंधने से पर्यटन उद्योग में भी इजाफा होने की उम्मीद दोबारा खड़ी हो गयी है।
आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चैम्बर के सचिव विशाल शर्मा का कहना था कि भले ही 1 अक्टूबर से पर्यटन सीजन शुरू हो गया है, लेकिन जब तक विदेशी सैलानी आगरा नहीं पधारेंगे, तब तक ऐसे पर्यटन सीज़न का कोई विशेष लाभ आगरा के पर्यटन उद्योग को नहीं मिल पायेगा। इसके लिए विदेश उड़ानों का शुरू होना अति आवश्यक है। सरकार को अब कोरोना से जुडी सावधानियों के साथ सीमित संख्या में विदेशी पर्यटकों का आवागमन शुरू कर देना चाहिए क्योंकि काफी बड़ी संख्या में भारतीय आबादी को कोरोना वैक्सीन लग चुकी है और कोई भी विदेशी पर्यटक बिना वैक्सीन पासपोर्ट के भारत में दाखिल नहीं हो सकेगा।
शर्मा ने पूछा कि कोरोना की रोकथाम के लिए इससे अधिक और क्या प्रयास किये जा सकते हैं? अगर सरकार समझती है कि यह बीमारी अधिकांश आबादी को वैक्सीन लगने के बाद भी फ़ैल सकती है तो फिर भारत के बॉर्डर पर्यटकों के लिए क्या कभी नहीं खुलेंगे? उन्होंने कहा कि भारत का पर्यटन उद्योग एक खराब पर्यटन वर्ष में ही घुटनों पर आ गया है। अगर इन परिस्थितियों में भी भारत सरकार अभी ‘वेट एंड वाच’ की नीति पर ही चलेगी तो पर्यटन उद्योग का एक और सीजन बर्बाद हो जाएगा, जिसकी भरपाई सालों तक नहीं हो सकेगी।
आगरा टूरिस्ट गिल्ड के पूर्व चेयरमैन एवं होटल व्यवसायी अरुण डंग ने बताया कि ताज पर या अन्य ऐतिहासिक इमारतों पर जो भीड़ दिखाई दे रही है, वह स्वदेशी पर्यटकों की है जो कि इनका दीदार करके वापस चले जाते हैं। ऐसे पर्यटक अगर एक या दो दिन रुकते भी हैं तो छोटे और बजट होटल में रुकते हैं जबकि तीन और पांच सितारा होटल जबरदस्त डिस्काउंट देने के बाद भी सूने पड़े हैं।
उन्होंने कहा कि इन सितारा होटलों में ज्यादातर विदेशी पर्यटक और उनके ग्रुप ही ठहरते हैं और वह अभी नहीं आ रहे हैं। जब तक वह नहीं आएंगे, तब तक सीजन का क्या फायदा?
आज आगरा आने वाले और ताज और अन्य इमारतों का दीदार करने वाले पर्यटकों की संख्या इस प्रकार रही: ताजमहल – 30854, किला – 5603, सीकरी – 333, आरामबाग़ – 82, सिकंदरा – 824, मेहताब बाग़ – 261, एतमादउददौला – 333, मरियम टूम्ब – 24
गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष शमसुद्दीन का यह कहना था कि स्वदेशी पर्यटक गाइडों की सेवा बहुत कम लेते हैं जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए अप्रूव्ड गाइड ही चाहिए और विदेशी पर्यटक अभी आ नहीं रहे हैं। इसलिए ऐसे गाइड बहुत परेशानी महसूस कर रहे हैं। विदेशी उड़ानें जल्दी शुरू की जानी चाहिए।