उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ‘जनसुनवाई’ नाम से चलाये जा रहे लोक शिकायत निवारण वेबसाइट पर कोई भी आम नागरिक किसी भी सरकारी विभाग के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए स्वतंत्र है, और एक तय समयसीमा के भीतर उस शिकायत की सुनवाई कर निस्तारण करने की सम्बंधित विभाग की बाध्यता भी है।
ऐसे में जनसुनवाई पर दर्ज शिकायतों और उनके निस्तारण को लेकर जब राज्य सरकार ने जिलावार एक सर्वेक्षण कराया तो इसमें सितम्बर माह के शिकायत निवारण को लेकर आगरा जिला पूरे प्रदेश में चौथे स्थान पर रहा, जबकि महोबा जिला 130 में से 115 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान पर रहा। आश्चर्यजनक रूप से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, जहाँ सभी विभागों के मुख्यालय हैं, सभी सम्बंधित मंत्री रहते हैं, और स्वयं मुख्यमंत्री भी निवास करते हैं, 17वें स्थान पर रही और श्रावस्ती जिला 75वें स्थान पर रहा।
लिस्ट में सबसे ऊपर का स्थान पाने वाले चारों जिले बुंदेलखंड से हैं, जबकि आगरा, जालौन और फर्रुखाबाद को संयुक्त रूप से चौथी रैंक मिली है। आगरा के जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह द्वारा प्रतिदिन की जाने वाली जनसुनवाई, मुख्यमंत्री सन्दर्भ, और रहसील दिवस व अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों के निस्तारण और गुणवत्ता को रैंकिंग का आधार माना गया था। समीपवर्ती एटा जिले को 7वां स्थान मिला है।
इस सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी के अनुसार आगरा परिक्षेत्र के जिलों को निम्नलिखित स्थान मिले:
आगरा – 4, एटा – 7, मैनपुरी – 19, इटावा – 32, हाथरस – 39, मथुरा – 56, फ़िरोज़ाबाद – 72
सूत्रों के अनुसार जिलाधिकारी आगरा प्रभु नारायण सिंह द्वारा निजी स्तर पर जनसुनवाई एवं अन्य माध्यमों से मिली हर शिकायत के शीघ्र निस्तारण को लेकर प्रयास रहता है, इसी कारण से आगरा की रैंकिंग इतनी अच्छी हुई है।