आगरा के थाना जगदीशपुरा के 25 लाख रुपये की चोरी के घटनाक्रम में एक चौंकाने वाला मोड़ आया है। इस मामले में हिरासत में लिए गए थाना जगदीशपुरा के सफाईकर्मी अरुण की पुलिस हिरासत में मौत हो गई है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार वाल्मीकि समुदाय के अरुण की मौत उसके समुदाय द्वारा व्यापक विरोध प्रदर्शन की आशंका के बाद, पुलिस ने अरुण के परिवार द्वारा दर्ज एक लिखित शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया है और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अरुण की हिरासत में मौत को पुलिस द्वारा सुनियोजित हत्या बताया है और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। आज जारी एक ट्वीट में अखिलेश ने कहा कि
भाजपा सरकार में पुलिस खुद अपराध कर रही है तो फिर अपराध कैसे रुकेगा?
आगरा में पहले सांठगांठ कर थाने के मालखाने से 25 लाख की चोरी कराई गई फिर सच छिपाने के लिए गिरफ्तार किए गए सफाईकर्मी की कस्टडी में हत्या स्तब्ध करती है!
हत्यारे पुलिस कर्मियों पर हो सख्त कार्रवाई। pic.twitter.com/WOzn3EZ8mA
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 20, 2021
जगदीशपुरा थाने में पिछले शनिवार को हुई चोरी के बाद से लापता थाने के सफाईकर्मी अरुण को मंगलवार को हिरासत में ले लिया गया था। बताया जाता है कि अरुण थाने में सफाई करने आया करता था और घटना के दिन से ही गायब हो गया था जिसके बाद पुलिस के शक की सुई उसकी ओर घूम गई थी। जब पुलिस उसके घर पहुंची तो वह गायब मिला और पुलिस के अनुसार तलाशी में उसके घर से लगभग 10 लाख रूपये की नकदी बरामद हुई। उसको ढूंढ कर हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने दावा किया कि अरुण ताजगंज इलाके में छिपा था। पुलिस से बचने के लिए उसने अपना सिर मुंडवा लिया था।
आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी ने बताया कि अरुण ने चोरी की बात स्वीकार कर ली थी। पुलिस उससे लूटे गए रुपये की बरामदगी के लिए पूछताछ कर रही थी कि मंगलवार की रात अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। पुलिस उसे अस्पताल ले गई, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
सफाईकर्मी अरुण की मौत की खबर वाल्मीकि समाज में फैल गई जिससे अरुण ताल्लुक रखता था। शहर भर में वाल्मीकि समुदाय के लोग जुट रहे हैं। बड़े प्रदर्शन की आशंका से पुलिस सतर्क हो गई है।