कोरोना महामारी के बाद से दिल की बीमारी के मरीज डेढ़ गुना तक बढ़ गए है। कामकाजी युवाओं में फ़ास्ट फ़ूड, होटल ढाबा का खाना, धूर्मपान और देर रात तक जागना ही हृदय रोग का कारण बन रहा है। 30 – 40 की उम्र में हृदय की बीमारी हो रही है। डॉक्टरी जाँच में ख़राब फिटनेस – तनाव वजह मिल रहे है। दवा के साथ साथ योग – ध्यान करने और ऐसी ही परिस्थितियों में हंसी – ख़ुशी से रहने की डोज भी दी। दो तीन महीने में असर भी दिखा परेशानी कम हुई और दिल खिलखिलाते हुए मिले।
विशेषज्ञ बताते हैं कि 1990 के मुकाबले दिल की बीमारी से भारत में अब दोगुनी मौतें हो रही हैं और जवान मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारत में अब हर 33 सेकंड में ह्रदय रोग से एक मौत हो रही है। 30 – 40 वर्ष की उम्र में हृदयाघात होने की समस्या अब इतनी देखने को मिल रही है कि डॉक्टर अब इस आयु वर्ग के लोगों, खासकर मर्दों के लिए ख़ास स्वास्थ्य सम्बन्धी हिदायतें दे रहे हैं और साथ ही काम और जिंदगी के बीच संतुलन बनाने की भी सलाह दे रहे हैं।
आगरा हार्ट एसोसिएशन के सचिव डॉ राजकुमार गुप्ता ने बताया कि शहर में 40 हृदय रोग विशेषज्ञ हैं। औसतन एक हृदय रोग विशेषज्ञ पर 50 मरीज रोज आ रहे हैं। इनमें 15 – 20 मरीज 30 – 40 की उम्र के हैं। इनमें हृदय का प्रति मिनट 120 से 150 बार धड़कना, 15 से 20 दिन में छाती में दर्द, पसीना आना, साँस फूलना और बेचैनी की परेशानी मिली। तीन से पांच मरीजों में वाल्व की दिक्क्त और माइनर हृदयाघात भी हुआ। पूछताछ में मोटापा और सोने-जागने का ढर्रा बिगड़ा हुआ था। काम का दबाव, मनमाफिक नौकरी – वेतन न मिलना, अच्छे भविष्य को लेकर तनावग्रस्त मिले। खासतौर से कोरोना महामारी के बाद ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है।
डॉक्टरों ने दिए फिटनेस और तनाव दूर करने के मन्त्र:
पुराने मित्रों से मिलने का समय निकाल, पुरानी यादों को ताजा कर खूब हंसें और खिलखिलाएं। तीन से पांच किमी की दूरी के लिए साइकिल का उपयोग करें । लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का उपयोग करें। कार्यस्थल पर खुशनुमा माहौल बनाये, लगातार काम के बीच कुछ मिनट टहलें। 30 मिनट तक रोजाना तेज गति से चलें। क्षमता के अनुसार रस्सी कूदें। खुली हवा में योग – ध्यान करें । फल, सलाद, हरी सब्जी समेत पौष्टिक भोजन लें। फ़ास्ट फ़ूड, धूम्रपान से बचें। रात को जल्दी सोने की आदत डालें। मोबाइल, लैपटॉप, कम्प्यूटर और टीवी पर ज्यादा समय न बिताएं।
इनका रखें ख्याल :
रक्तचाप : 120/80, कोलेस्ट्रॉल :200 एमजी / डीजी से कम, बेड कोलेस्ट्रॉल : 100 एम्जी / डीजी से कम , गुड कोलेस्ट्रॉल : 50 एमजी / डीजी से कम , ग्लूकोज का स्तर खाली पेट : 100 एमजी / डीजी से कम , बीएमआई : 25 केजी / एम्
यह हैं लक्षण :
साँस लेने में परेशानी महसूस करना । थोड़ा काम करने पर थकावट, नीरसता। भूख कम लगना, नींद में कमी होना। पेट, पैरों पर सूजन, पेट में बेचैनी महसूस करना। घबराहट , चक्कर आना, छाती में दर्द होना।