उत्तर प्रदेश में चुनाव करीब आते ही हर सियासी पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव को जीतने का और अपनी सरकार बनाने का सपना संजोना शुरू कर दिया है। पार्टियों के नेता हर जाति-वर्ग के बीच जाकर अपने-अपने समीकरण बनाना शुरू करते हुए अपनी पार्टी की कार्यपद्धति आदि बताते हुए दिखाई देने लगे हैं।
2022 में कौन सी पार्टी उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालेगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या का यह नारा कि “60% वोट हमारा और 40% वोट में बंटवारा” वर्तमान स्थिति को देखते हुए इसलिए सच होता नहीं दिखाई देता कि महंगाई की मार ने और बेरोजगारी की तबाही ने उत्तर प्रदेश की जनता को परेशानी में डाल रखा है।
उप मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए स्पष्ट कहा कि हमने अपनी यात्रा अभी पूरी तरह शुरू भी नहीं की है लेकिन यह हमारा दावा है कि 25 साल तक समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सरकार उत्तर प्रदेश में आ ही नहीं सकती क्योंकि विपक्षी दलों के पास केवल झूठ बोलने और जनता को गुमराह करके भड़काने का ही काम रह गया है।
केशव प्रसाद मौर्या ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वर्ष 2017 के चुनाव परिणाम के साड़मे से वह अभी तक उभर नहीं पाए हैं। अब 2022 में 400 सीटें लाने की बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस से ऐसा महसूस होता है की उन्हें “मुंगेरीलाल के हसीन सपने” देखने की आदत हो गई है।
उत्तर प्रदेश में किसानों के सम्बन्ध में उप मुख्यमंत्री का कहना था कि यह किसान आंदोलन नहीं है बल्कि यह चुनाव आंदोलन है। किसानों की आड़ लेकर विपक्षी अपनी सियासी रोटियां सेंक रहे हैं और किसानों को लेकर चुनाव पंचायतें करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इस सन्दर्भ में सपा के सहर अध्यक्ष वाजिद निसार ने कहा कि अखिलेश यादव की लोकप्रियता और सपा की चुनावी हवा चलती हुए देखकर भाजपा कि मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्रियों की नींद उड़ गई है क्योंकि 2022 में उत्तर प्रदेश की जनता सपा सरकार बनाने का पूरी तरह मन बना चुकी है।
कोंग्रेसी नेता शब्बीर अब्बास ने बताया कि मोदी / योगी के शासनकाल में महंगाई चरम सीमा पर पहुँच गई है। गैस की कीमत 1000 रुपये सिलेंडर और पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर पहुँचने से हर व्यक्ति का बजट बिगड़ गया है। कोई दिन ऐसा नहीं गुजरता जिस दिन लूट, हत्या आदि की खबरें समाचार पत्रों में पढ़ने को नहीं मिलती हों। इस सरकार से अब देश और प्रदेश की जनता ऊब चुकी है और इन्हें उखाड़ फेंकना चाहती है।